Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश एटीएस ने आईएसआईएस की एक बड़ी साजिश का खुलासा किया है। आतंकी संगठन ने ज्ञानवापी मामले की सुनवाई कर रहे जज रवि कुमार दिवाकर को निशाना बनाने की योजना बनाई थी। भोपाल के रहने वाले अदनान ने सोशल मीडिया पर जज को धमकी दी थी। उसने समाज में तनाव पैदा करने की कोशिश की थी।
यूपी एटीएस के अनुसार अदनान के पोस्ट से उसकी देश विरोधी सोच का पता चलता है। उसने लोगों को जज को मारने के लिए भड़काने का प्रयास किया। एटीएस ने 2024 में इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। जांच में आईएसआईएस से जुड़े कई सबूत सामने आए हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने समय रहते इस साजिश को विफल कर दिया।
सोशल मीडिया पोस्ट में दी गई थी धमकी
अदनान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जज रवि कुमार दिवाकर को सीधी धमकी दी थी। उसने ज्ञानवापी मामले की सुनवाई को लेकर आपत्तिजनक बयान दिए थे। उसके पोस्ट में समाज विशेष के लोगों को भड़काने की कोशिश साफ देखी जा सकती थी। यह पोस्ट सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाला था।
यूपी एटीएस ने बताया कि अदनान के पोस्ट से उसके आतंकी संगठन से जुड़े होने के संकेत मिले। उसने लोगों को हिंसा के लिए उकसाने का काम किया। जज की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया था। एटीएस ने तुरंत इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी। गहन जांच के बाद आईएसआईएस कनेक्शन सामने आया।
एटीएस ने की थी एफआईआर दर्ज
उत्तर प्रदेश एटीएस ने 2024 में इस मामले में औपचारिक एफआईआर दर्ज की थी। जांच में पता चला कि अदनान आईएसआईएस विचारधारा से प्रभावित है। उसने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को भड़काने का काम किया। उसका उद्देश्य राज्य में कानून व्यवस्था बिगाड़ना था। जज की हत्या की साजिश रचना था।
आईएसआईएस एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन है जो इराक और सीरिया में सक्रिय है। इसके सदस्य दुनिया भर में हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। भारत में इसके कई मामले सामने आ चुके हैं। सुरक्षा एजेंसियां लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं। कोई भी संदिग्ध गतिविधि तुरंत नोटिस की जाती है।
जांच में सामने आए महत्वपूर्ण तथ्य
जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। अदनान के डिजिटल डिवाइस से आईएसआईएस से जुड़े सबूत मिले हैं। उसने कई बार आतंकी संगठन का प्रचार सामग्री साझा की थी। वह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल लोगों को भड़काने के लिए कर रहा था। उसकी गतिविधियों पर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी।
यूपी एटीएस ने इस मामले में गहन जारी रखी है। संभावना जताई जा रही है कि और लोग इस साजिश में शामिल हो सकते हैं। आतंकी संगठन अक्सर सोशल मीडिया का इस्तेमाल युवाओं को भड़काने के लिए करते हैं। इस मामले में भी ऐसी ही कोशिश देखने को मिली। सुरक्षा एजेंसियों ने समय रहते स्थिति पर काबू पा लिया।
