शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

उन्नत भारत अभियान: हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय ने मनाया 11वां स्थापना दिवस

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Himachal News: चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर ने उन्नत भारत अभियान का 11वां स्थापना दिवस मनाया। यह कार्यक्रम सतत ग्रामीण विकास के विषय पर केंद्रित था। इसमें विश्वविद्यालय की ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने में एक दशक से अधिक की भूमिका को celebrate किया गया। शिक्षा, अनुसंधान और आउटरीच के माध्यम से विश्वविद्यालय ने गांवों के विकास में सक्रिय योगदान दिया है।

विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों की यूबीए टीमों ने कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। इनमें ‘मेरा भारत, मेरा गांव’ विषय पर व्याख्यान, पोस्टर-निर्माण और नारा-लेखन शामिल थे। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ने भी छात्रों में काफी उत्साह पैदा किया। इन गतिविधियों ने सामाजिक जिम्मेदारी और ग्रामीण परिवर्तन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया।

कुलपति ने टीमों के प्रयासों की सराहना की

कार्यक्रम केदौरान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक कुमार पांडा ने उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने ग्राम-स्तरीय पहलों को लागू करने में लगी टीमों के समर्पित प्रयासों की सराहना की। डॉ. पांडा ने विश्वविद्यालय के यूबीए नोडल अधिकारी और कॉलेज-स्तरीय टीमों के काम को विशेष रूप से acknowledge किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह कार्यक्रम शैक्षणिक ज्ञान को जमीनी स्तर से जोड़ता है।

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कुलपति ने जोर देकर कहा कि उन्नत भारत अभियान विश्वविद्यालय के दृष्टिकोण के अनुरूप है। यह दृष्टिकोण विज्ञान, समाज और स्थिरता के बीच सेतु बनाने का है। डॉ. पांडा ने छात्रों को सतत एवं समावेशी राष्ट्रीय विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उनका मानना है कि यह कार्यक्रम छात्रों में सामाजिक चेतना विकसित करने में मददगार साबित हो रहा है।

छात्रों ने दिखाई सक्रिय भागीदारी

इस अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओंमें छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पोस्टर-निर्माण प्रतियोगिता में छात्रों ने ग्रामीण विकास के अपने विजन को कलात्मक ढंग से प्रस्तुत किया। नारा-लेखन प्रतियोगिता ने छात्रों की रचनात्मक सोच को उजागर किया। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ने ग्रामीण विकास संबंधी उनकी समझ को परखा।

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इन गतिविधियों ने न केवल छात्रों के ज्ञान को बढ़ाया बल्कि उनमें सामुदायिक भावना भी जगाई। छात्रों ने ग्रामीण भारत की चुनौतियों और समाधानों पर गहन चिंतन किया। इससे उनमें ग्रामीण परिवर्तन के प्रति एक नई ऊर्जा का संचार हुआ। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के उत्साह को सराहा।

भविष्य की योजनाओं पर हुआ मंथन

कार्यक्रम केदौरान भविष्य की गतिविधियों पर भी चर्चा हुई। विश्वविद्यालय ने ग्रामीण विकास के लिए और अधिक समन्वित प्रयासों की योजना बनाई है। इसमें छात्रों और शिक्षकों की भूमिका और अधिक सक्रिय होगी। स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर काम करने पर विशेष जोर दिया जाएगा।

नवाचार और सामुदायिक सहभागिता को भविष्य की रणनीति का केंद्र बिंदु बनाया गया है। कार्यक्रम का समापन ग्रामीण भारत के समग्र विकास में योगदान जारी रखने की सामूहिक प्रतिज्ञा के साथ हुआ। विश्वविद्यालय ने ग्रामीण क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव लाने के अपने संकल्प को दोहराया।

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