World News: चीन में एक कर्मचारी को बीमारी की छुट्टी के दौरान 16000 कदम चलने के कारण नौकरी से निकाल दिया गया था। अदालत ने इस बर्खास्तगी को गैरकानूनी घोषित कर दिया है। कंपनी को कर्मचारी को 1,18,779 युआन यानी लगभग 15 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया है। यह मामला 2019 का है जिसे हाल ही में चीन के न्याय मंत्रालय ने सार्वजनिक किया।
चेन नामक इस कर्मचारी ने फरवरी-मार्च 2019 में काम के दौरान पीठ में खिंचाव की शिकायत की थी। उसने बीमारी की छुट्टी के लिए आवेदन किया था। अस्पताल के कागजात जमा करने के बाद उसे एक महीने की छुट्टी मिली थी। वह ड्यूटी पर लौटा लेकिन आधे दिन बाद ही दाहिने पैर में दर्द का हवाला देकर फिर छुट्टी ले ली।
कंपनी ने लगाए धोखाधड़ी के आरोप
डॉक्टर ने चेन को एक सप्ताह के आराम की सलाह दी थी। एक हफ्ते बाद उसे एड़ी में चोट का पता चला जिससे छुट्टी बढ़ गई। जब उसे नए मेडिकल रिकॉर्ड जमा करने के लिए ऑफिस बुलाया गया तो सिक्योरिटी गार्ड ने रोक लिया। कुछ दिनों बाद कंपनी ने उसे अनुपस्थिति और धोखाधड़ी के आरोप में बर्खास्त कर दिया।
कंपनी का दावा था कि चेन ने अपनी बीमारी को बढ़ा-चढ़ाकर बताया है। इसके समर्थन में कंपनी ने साबित किया कि छुट्टी वाले दिन चेन ने 16000 से अधिक कदम चले थे। कंपनी ने चैट सॉफ्टवेयर से कदमों की गिनती के रिकॉर्ड पेश किए थे। साथ ही ऑफिस की ओर चलते हुए वीडियो फुटेज भी दिखाए।
अदालत ने कर्मचारी के पक्ष में दिया फैसला
चेन ने श्रम मध्यस्थता में शिकायत दर्ज की थी। अधिकारियों ने उसके हक में फैसला दिया और कंपनी को मुआवजा देने को कहा। कंपनी ने इस फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया। चेन ने अदालत में कमर और पैर के एमआरआई स्कैन समेत विस्तृत अस्पताल दस्तावेज जमा किए।
उसने कंपनी के सबूतों को अमान्य बताया। दो सुनवाइयों के बाद अदालत ने फैसला सुनाया कि बर्खास्तगी गैरकानूनी थी। अदालत ने मुआवजे का आदेश कायम रखा। इस फैसले ने कर्मचारियों के अधिकारों पर महत्वपूर्ण मिसाल कायम की है।
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
इस केस के खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर तीखी बहस शुरू हो गई है। कई यूजर्स कंपनी के इस कदम की कड़ी निंदा कर रहे हैं। एक सोशल मीडिया यूजर ने कहा कि ऐप पर बड़ी संख्या में कदम दिखना आम बात है। भले ही व्यक्ति ज्यादा न चला हो।
यूजर ने कहा कि अगर वाकई 16000 कदम चले भी हों तो यह अस्पताल जाने या दवा लेने के लिए संभव है। दूसरे यूजर ने जोर देकर कहा कि कंपनी को कर्मचारियों के निजी डेटा की जांच करने का हक नहीं है। कदमों की संख्या की निगरानी करना गलत है।
निजता के अधिकार पर सवाल
इस मामले ने कर्मचारियों की निजता के अधिकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। कंपनियों द्वारा कर्मचारियों के निजी डेटा एकत्र करने की प्रथा पर बहस छिड़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला भविष्य में ऐसे मामलों के लिए महत्वपूर्ण होगा।
कर्मचारी अधिकार कार्यकर्ता इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं। उनका कहना है कि कंपनियों को कर्मचारियों की निजता का सम्मान करना चाहिए। बीमारी की छुट्टी के दौरान की गई गतिविधियों पर नजर रखना अनुचित है। यह फैसला कर्मचारी अधिकारों की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
