Delhi News: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को लोकसभा में जन विश्वास (विधायी) बिल 2025 पेश किया। यह बिल 10 मंत्रालयों से जुड़े 16 केंद्रीय कानूनों के 355 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव करता है। इनमें से 288 प्रावधान कारोबार को सरल बनाने और 67 प्रावधान आम नागरिकों के जीवन को आसान बनाने से संबंधित हैं।
प्रमुख बदलावों पर एक नजर
इस बिल में छोटी-मोटी गलतियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का प्रावधान है। इससे कारोबारियों और आम नागरिकों को जेल जाने के डर से मुक्ति मिलेगी। बिल को अब प्रवर समिति के पास भेजा जाएगा। संसद के अगले सत्र में समिति की रिपोर्ट पेश की जाएगी।
मोटर वाहन अधिनियम में प्रस्तावित बदलाव
जन विश्वास बिल 2025 मोटर वाहन अधिनियम 1988 में कई महत्वपूर्ण बदलाव लाने का प्रस्ताव करता है:
- वाहन पंजीकरण अब किसी भी राज्य में कराया जा सकेगा
- लाइसेंस समाप्त होने के 30 दिन बाद तक उसे नवीनीकृत कराया जा सकेगा
- पहली बार की गई कई गलतियों पर जेल की सजा को हटाया जाएगा
संपत्ति कर प्रणाली में बदलाव
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) अधिनियम 1994 में भी बदलाव प्रस्तावित हैं। संपत्ति कर की गणना के लिए रेटेबल वैल्यू पद्धति की जगह यूनिट एरिया प्रणाली लागू की जाएगी। इसके तहत एनडीएमसी के 40 प्रावधानों में संशोधन किया जाएगा।
पिछले साल भी लाया गया था ऐसा बिल
2023 में भी जन विश्वास बिल लाया गया था, जिसके तहत 19 मंत्रालयों से जुड़े 42 केंद्रीय कानूनों के 183 प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया था। नया बिल इसी दिशा में एक और कदम है।
सरकार का मानना है कि यह बिल ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ और ‘ईज ऑफ लिविंग’ को बढ़ावा देगा। बिल के पास होने से कारोबारी माहौल में सुधार और आम नागरिकों के जीवन में आसानी आने की उम्मीद है।
