शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

केंद्रीय कैबिनेट: रेलवे कर्मचारियों को दिवाली से पहले बोनस का तोहफा, जहाजरानी क्षेत्र के लिए 70 हजार करोड़ किए मंजूर

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New Delhi: केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को कई बड़े फैसले हुए। इनमें रेलवे कर्मचारियों के लिए उत्पादकता बोनस को मंजूरी देना शामिल है। इसके अलावा जहाज निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक बड़े सुधार पैकेज को भी हरी झंडी मिली। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन निर्णयों की जानकारी दी। ये फैसले दिवाली के त्योहार से ठीक पहले आए हैं।

लगभग 10.90 लाख रेलवे कर्मचारियों को दिवाली से पहले बोनस का तोहफा मिलेगा। कैबिनेट ने उत्पादकता से जुड़े बोनस के तहत 78 दिनों के बोनस के भुगतान को मंजूरी दी है। इस पर कुल 1865.68 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। यह बोनस रेलवे कर्मचारियों की मांग के मद्देनजर आया है।

भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ ने बोनस बढ़ाने की मांग की थी। संघ चाहता था कि बोनस की गणना का आधार बदला जाए। फिलहाल बोनस की गणना 7000 रुपये प्रति माह के आधार पर होती है। कर्मचारी संगठन इसे बढ़ाकर 18000 रुपये प्रति माह करना चाहते थे।

जहाजरानी क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक सुधार

कैबिनेट ने भारत के जहाज निर्माण और समुद्री क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। 69,725 करोड़ रुपये के सुधार पैकेज को मंजूरी दी गई है। इस पैकेज में चार मुख्य स्तंभ शामिल हैं। ये जहाज निर्माण, समुद्री फंडिंग और घरेलू क्षमता बढ़ाने पर केंद्रित हैं।

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यह पैकेज देश की समुद्री अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। इससे नौका निर्माण उद्योग को प्रतिस्पर्धात्मक बनाने में मदद मिलेगी। सरकार का लक्ष्य देश को एक प्रमुख जहाज निर्माण केंद्र के रूप में विकसित करना है। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

बिहार में रेलवे लाइन का दोहरीकरण

कैबिनेट ने बिहार में एक महत्वपूर्ण रेलवे परियोजना को भी मंजूरी दी। बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया के बीच की सिंगल रेलवे लाइन को डबल लाइन में बदला जाएगा। इस परियोजना की कुल लंबाई 104 किलोमीटर होगी। परियोजना पर 2,192 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

यह परियोजना बिहार के चार जिलों को कवर करेगी। इससे रेलवे के मौजूदा नेटवर्क का विस्तार होगा। यह खंड राजगीर और पावापुरी जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों को रेल संपर्क प्रदान करता है। इससे तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सुविधा बढ़ेगी।

इस परियोजना का सामाजिक और आर्थिक लाभ महत्वपूर्ण होगा। लगभग 1,434 गांवों को इससे बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। करीब 13.46 लाख लोगों की आबादी लाभान्वित होगी। इसमें गया और नवादा जैसे आकांक्षी जिले भी शामिल हैं।

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बिहार में चार लेन सड़क निर्माण

कैबिनेट ने बिहार में एक प्रमुख सड़क परियोजना को भी स्वीकृति प्रदान की। एनएच-139W के साहेबगंज-अरेराज-बेतिया खंड पर चार लेन का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना की कुल लंबाई 78.942 किलोमीटर होगी। इसकी अनुमानित लागत 3,822.31 करोड़ रुपये है।

यह परियोजना हाइब्रिड एन्युइटी मोड पर बनेगी। इसका मुख्य उद्देश्य पटना और बेतिया के बीच कनेक्टिविटी सुधारना है। यह उत्तर बिहार के कई जिलों को भारत-नेपाल सीमा से जोड़ेगी। इन जिलों में वैशाली, सारण और गोपालगंज शामिल हैं।

इस सड़क परियोजना से क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति मिलने की उम्मीद है। परिवहन की लागत और समय में कमी आएगी। सीमावर्ती क्षेत्रों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इससे व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा।

केंद्रीय कैबिनेट के इन फैसलों का व्यापक प्रभाव expected है। रेलवे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा। बुनियादी ढांचे के विकास से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। जहाज निर्माण क्षेत्र में निवेश बढ़ने की संभावना है। ये निर्णय देश के समग्र विकास की दिशा में उठाए गए कदम हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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