India News: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है। इस ऐतिहासिक विधेयक में रियल मनी वाले ऑनलाइन गेम्स या उनके विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही इन गेम्स को बढ़ावा देने वालों के लिए सजा और जुर्माने का भी प्रस्ताव है। इस विधेयक को बुधवार को संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है।
विधेयक का मुख्य उद्देश्य
यह विधेयक ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को रियल मनी गेमिंग से स्पष्ट रूप से अलग करता है। विधेयक का मुख्य लक्ष्य ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को प्रोत्साहित करना है। यह मानता है कि ई-स्पोर्ट्स को मान्यता देने से भारत वैश्विक गेमिंग परिदृश्य में एक प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी के रूप में उभरेगा। इससे नवप्रवर्तन को बढ़ावा मिलेगा और स्टार्टअप्स के लिए नए अवसर पैदा होंगे।
नियमों के उल्लंघन पर सख्त सजा
इस विधेयक में नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए कठोर दंड का प्रस्ताव रखा गया है। रियल मनी गेमिंग सेवा प्रदान करने वाले किसी भी व्यक्ति को तीन साल तक की जेल या एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इसी तरह के विज्ञापन देने वालों के लिए दो साल की कैद या पचास लाख रुपये का जुर्माना होगा। कोई भी व्यक्ति जो ऐसे गेम्स में लेनदेन से जुड़ा होगा उसे भी सजा का सामना करना पड़ सकता है।
गेमिंग की लत से निपटने की कोशिश
सूत्रों के अनुसार यह विधेयक रियल मनी गेम खेलने वाले किसी भी व्यक्ति को अपराधी नहीं मानता है। इसके पीछे की सोच उन्हें पीड़ित के रूप में देखना है। यह विधेयक उन लोगों पर नकेल कसता है जो इन्हें बढ़ावा देते हैं। साथ ही यह बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ऐसे गेम्स से जुड़े लेनदेन पर रोक लगाने का निर्देश देता है।
बढ़ती चिंताओं पर विधेयक की प्रतिक्रिया
भारत में गेमिंग उद्योग में तेजी से वृद्धि देखी गई है लेकिन नियामक वातावरण अब तक स्पष्ट नहीं था। ऑनलाइन गेमिंग की लत विशेष रूप से मौद्रिक प्रोत्साहन के साथ एक गंभीर चिंता का विषय बन गई थी। रियल मनी गेमिंग के कारण वित्तीय नुकसान के कई मामले सामने आए हैं। इसके परिणामस्वरूप अवसाद और आत्महत्या जैसी घटनाएं भी हुई हैं।
एक नियामक प्राधिकरण का गठन
विधेयक में निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक वैधानिक नियामक प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव है। यह ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के लिए एक पंजीकरण और अनुपालन व्यवस्था स्थापित करेगा। इस नियामक के पास यह निर्धारित करने का अधिकार होगा कि कोई विशिष्ट ऑनलाइन गेम रियल मनी गेमिंग की श्रेणी में आता है या नहीं। इससे पारदर्शिता और उचित विनियमन सुनिश्चित होगा।
