Delhi News: हिमाचल प्रदेश बेरोजगार संघ ने आज शिमला में मंगलवार को विधानसभा मानसून सत्र (Vidhansabha Monsoon Session)के दूसरे दिन विधानसभा का घेराव किया। बेरोजगार युवा मोहिंदर शर्मा का कहना है कि युवाओं को नजर अंदाज किया जा रहा है और उन्हें सरकार सिर्फ चुनावों के समय ही याद करती हैं।
यह बेरोजगार पिछले कल से लेकर पूरी रात और आज भी धरने पर बैठे हुए हैं लेकिन सरकार की ओर से उनकी कोई सुध नहीं ली गई है हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग (HPSSC) को भंग कर दिया गया था, और सरकार ने दिसम्बर, 2022 में प्रतिबद्धता के साथ आश्वासन दिया था कि लंबित परिणामों का समाधान 30 दिनों के भीतर किया जाएगा। हालाँकि, लगभग एक वर्ष बीतने वाला है, और अभी भी सरकार परिणामों को लेकर टाल मटोल कर रही है।
निर्दोष अभ्यर्थियों को दी जा रही सज़ा
युवाओं ने कहा कि सरकार (Vigilance) जांच की आड़ में परिणामों को अनिश्चित काल के लिए रोक रही है। जबकि नौ महीने की विजिलेंस जांच के बावजूद, केवल 1 या 2 अभ्यर्थियों पर पेपर लीक में शामिल होने का संदेह है इसी के साथ कुछ पेपर ऐसे भी है जिसमें किसी भी अभ्यर्थी की इन्वोल्वेमेंट अभी तक नहीं पाई गई है। निर्दोष अभ्यर्थियों को सज़ा दी जा रही है जो की न्यायसंगत नहीं है। इसके अलावा, विजिलेंस जांच में पिछले कुछ महीनों से कोई प्रगति नहीं हुई है, और पेपर लीक (Paper Leak) के सिलसिले में शुरू में हिरासत में लिए गए सभी लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है, जिससे ऐसा लगता है असली सज़ा तो निर्दोष अभ्यर्थियों को दी जा रही है।