Una News: ऊना में एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां के एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान पर एक युवती ने दुष्कर्म का गंभीर आरोप लगाया है। इस मामले में एसपी ऊना यादव ने एक विशेष जांच दल यानी एसआइटी बना दी है। इस एसआइटी की कमान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र शर्मा को सौंपी गई है। उनका मुख्य काम आरोपित एसडीएम को जल्द से जल्द गिरफ्तार करना है।
आरोप है कि एसडीएम ने युवती से इंटरनेट के जरिए बातचीत शुरू की। उसने शादी का झांसा देकर उसे अपने कार्यालय में बुलाया। बाद में उसने कोर्ट चैंबर और सरकारी रेस्ट हाउस में उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। इस दौरान उसने एक वीडियो भी बनाया। इस वीडियो का इस्तेमाल करके उसने युवती को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।
पीड़िता ने 23 सितंबर को ऊना पुलिस में ऑफिशियल शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि उसने इससे पहले 28 अगस्त को राष्ट्रीय महिला आयोग के पास भी ऑनलाइन शिकायत की थी। जब आरोपित एसडीएम को इसकी जानकारी मिली तो उसने युवती को धमकाना शुरू कर दिया। उसने शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डाला।
आरोपी एसडीएम है फरार
मामला दर्ज होने के बाद से ही एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान ऊना से गायब है। उसके दोनों मोबाइल फोन लगातार बंद हैं। वह हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के 2017 बैच का अधिकारी है। आरोपी का घर सिरमौर जिले में है। एसआइटी की टीम अब उसके संभावित ठिकानों पर छापेमारी करेगी।
हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत पर लगाई रोक
आरोपी एसडीएम ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। 25 सितंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने उसे जमानत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया। इस फैसले के अनुसार दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों में गिरफ्तारी से पहले जमानत नहीं दी जा सकती।
26 सितंबर को हुई अगली सुनवाई में भी एसडीएम को कोई राहत नहीं मिली। अदालत ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले अंतरिम जमानत देने के लिए पर्याप्त आधार नहीं हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। अब इस मामले में अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी।
पुलिस के सूत्रों के मुताबिक एसआइटी की टीम लगातार काम कर रही है। टीम आरोपित अधिकारी के दोस्तों और रिश्तेदारों से पूछताछ कर रही है। उसके डिजिटल रिकॉर्ड जैसे कॉल डिटेल और सोशल मीडिया एक्टिविटी की भी जांच चल रही है। पुलिस को उम्मीद है कि वह जल्द ही उसे पकड़ने में कामयाब हो जाएगी।
यह मामला प्रशासनिक अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोपों में से एक है। स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता न्याय की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि पद का दुरुपयोग करने वाले किसी भी व्यक्ति को कानून के घेरे में लाया जाना चाहिए। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि जांच निष्पक्ष तरीके से की जाएगी।
