India News: केंद्र सरकार ने उल्लू ऐप सहित 25 OTT ऐप्स पर आपत्तिजनक कंटेंट के कारण बैन लगा दिया। इनमें ALT बालाजी, देसीफ्लिक्स और बिगशॉट्स शामिल हैं। उल्लू ऐप के फाउंडर विभु अग्रवाल चर्चा में हैं, जो 150 करोड़ का IPO लाने की तैयारी कर रहे थे। इस बैन से उनका बिजनेस प्रभावित हुआ है। आइए जानें, उल्लू ऐप के मालिक विभु अग्रवाल के बारे में और बैन के कारण।
उल्लू ऐप का मालिक
उल्लू ऐप के फाउंडर और सीईओ विभु अग्रवाल हैं। उन्होंने IIT कानपुर से B.Tech, जापान से MBA और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से PhD की है। 1995 में उन्होंने JAYPEECO India Pvt Ltd शुरू किया, जो स्टील प्रोडक्शन में काम करता था। उत्तर भारत में यह बिजनेस सफल रहा। इसके बाद उन्होंने टेक और मीडिया क्षेत्र में कदम रखा। 2018 में लॉन्च हुआ उल्लू ऐप बोल्ड कंटेंट के लिए जाना जाता है।
उल्लू ऐप की सफलता
उल्लू ऐप को 2018 में लॉन्च किया गया। इसके 11 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड्स और 5 करोड़ सक्रिय यूजर्स हैं। ऐप का सब्सक्रिप्शन 10 दिन के लिए 90 रुपये, महीने के लिए 126 रुपये, तीन महीने के लिए 252 रुपये और साल भर के लिए 792 रुपये है। अग्रवाल ने अतरंगी और हरी ओम ऐप भी लॉन्च किए। उल्लू ऐप ने FY2024 में 100 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया।
विभु अग्रवाल की नेटवर्थ
विभु अग्रवाल ने FY2024 में उल्लू ऐप से 15.14 करोड़ का शुद्ध मुनाफा कमाया। उनकी नेटवर्थ 2023 में 70 करोड़ थी, जो अब 93-100 करोड़ रुपये के बीच है। वे 150 करोड़ का IPO लाने की तैयारी में थे और SEBI को ड्राफ्ट पेपर जमा किए थे। बाल अधिकार आयोग की आलोचना के बाद IPO रद्द हुआ। अग्रवाल श्री जय प्रकाश चैरिटेबल ट्रस्ट भी चलाते हैं।
ऐप्स पर बैन का कारण
मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग ने 25 ऐप्स पर पॉर्नोग्राफिक कंटेंट और आपत्तिजनक विज्ञापनों के लिए बैन लगाया। ये ऐप्स IT एक्ट, 2000 के सेक्शन 67, 67A, भारतीय न्याय संहिता, 2023 के सेक्शन 294 और इनडिसेंट रिप्रेजेंटेशन ऑफ वुमन एक्ट, 1986 के सेक्शन 4 का उल्लंघन करते हैं। सरकार ने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को इनका सार्वजनिक एक्सेस बंद करने का निर्देश दिया।
