London News: ब्रिटेन में काम करने वाले एक भारतीय युवक ने न्याय की बड़ी लड़ाई जीती है। तमिलनाडु के माधेश रविचंद्रन ने लंदन में एक KFC आउटलेट के खिलाफ मुकदमा जीत लिया है। उनके मैनेजर ने उन्हें ‘गुलाम’ कहा था और नस्लीय टिप्पणी की थी। ब्रिटिश रोजगार न्यायाधिकरण ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने कंपनी को मुआवजे के तौर पर पीड़ित को करीब 70 लाख रुपये देने का आदेश दिया है।
मैनेजर करता था बदसलूकी
माधेश रविचंद्रन ने साल 2023 में लंदन के एक KFC में काम शुरू किया था। वहां का श्रीलंकाई मूल का मैनेजर उनके साथ बुरा बर्ताव करता था। कोर्ट को बताया गया कि मैनेजर उन्हें सबके सामने ‘गुलाम’ बुलाता था। वह भारतीयों को धोखेबाज कहता था। मैनेजर काम के दौरान अपने देश के लोगों को प्राथमिकता देता था। वहीं, माधेश जब जायज छुट्टी मांगते थे, तो वह बिना कारण मना कर देता था। कोर्ट ने माना कि यह व्यवहार पूरी तरह से नस्लीय भेदभाव है।
नौकरी से निकालने की धमकी
जुलाई 2023 में मैनेजर ने माधेश पर ज्यादा काम करने का दबाव बनाया। मानसिक तनाव से परेशान होकर माधेश ने इस्तीफा देने का फैसला किया। जब उन्होंने नोटिस दिया, तो मैनेजर ने फोन पर उन्हें गालियां दीं और धमकाया। इसके तुरंत बाद कंपनी ने उन्हें बिना किसी नोटिस के नौकरी से निकाल दिया। यह ब्रिटेन के कानूनों के खिलाफ था। ट्रिब्यूनल ने इसे मानसिक प्रताड़ना माना।
कंपनी को मिली कड़ी सजा
जज पॉल एबॉट ने KFC की फ्रेंचाइजी चलाने वाली कंपनी नेक्सस फूड्स लिमिटेड को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर ऐसा भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इससे कर्मचारी के आत्मसम्मान को चोट पहुंची है। अदालत ने कंपनी को 66,800 पाउंड (लगभग 70 लाख रुपये) का मुआवजा देने का आदेश दिया। इसमें बकाया वेतन भी शामिल है। इसके अलावा, कंपनी को अगले छह महीने में सभी कर्मचारियों को भेदभाव विरोधी ट्रेनिंग देनी होगी।
