New Delhi: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने बच्चों के लिए अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट पर लगने वाला शुल्क माफ कर दिया है। इस निर्णय से लगभग छह करोड़ बच्चों को लाभ मिलने की उम्मीद है। यह शुल्क छूट एक अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो चुकी है और एक वर्ष की अवधि के लिए लागू रहेगी।
पांच साल से कम उम्र के बच्चों के आधार नामांकन में फिंगरप्रिंट और आईरिस बायोमेट्रिक्स नहीं लिए जाते हैं। इस उम्र में बच्चों के बायोमेट्रिक्स परिपक्व नहीं होते हैं। बच्चों का आधार सिर्फ फोटो, नाम, जन्म तिथि और पते के आधार पर जारी किया जाता है।
दो चरणों में होता है बायोमेट्रिक अपडेट
मौजूदा नियमों के अनुसार बच्चे के पांच वर्ष की आयु पूरी करने पर उंगलियों के निशान और आईरिस स्कैन अपडेट करना अनिवार्य है। इसे पहला अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट कहा जाता है। इसी तरह बच्चे को पंद्रह वर्ष की आयु में दूसरी बार बायोमेट्रिक्स अपडेट कराना जरूरी होता है।
इसे दूसरा अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट कहा जाता है। अब इन दोनों अपडेट के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। पहले पांच से सात वर्ष और पंद्रह से सत्रह वर्ष की आयु के बीच एमबीयू के लिए शुल्क देना पड़ता था।
स्कूल प्रवेश और छात्रवृत्ति में मिलेगी मदद
अपडेटेड बायोमेट्रिक्स वाला आधार कार्ड बच्चों के लिए कई सुविधाएं आसान बनाता है। स्कूल में प्रवेश, प्रवेश परीक्षाओं के लिए पंजीकरण और छात्रवृत्ति के लाभ में इसकी जरूरत पड़ती है। डीबीटी योजनाओं का लाभ लेने में भी आधार कार्ड अनिवार्य है।
माता-पिता और अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बच्चों के बायोमेट्रिक्स को प्राथमिकता के आधार पर अपडेट कराएं। इससे भविष्य में किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। आधार कार्ड का निर्बाध उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा।
यूआईडीएआई का यह कदम बच्चों की शिक्षा और विकास संबंधी योजनाओं तक उनकी पहुंच आसान बनाएगा। अब माता-पिता बिना किसी शुल्क की चिंता किए अपने बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेट करा सकेंगे। इससे आधार कार्ड की नवीनतम जानकारी बनाए रखने में मदद मिलेगी।
