Tamil Nadu News: तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन के दिवाली शुभकामना संदेश ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने उन पर हिंदुओं के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है। उदयनिधि ने कहा था कि कुछ लोग उन्हें दिवाली की बधाई देने में झिझक रहे थे और उन्होंने केवल उन्हीं लोगों को शुभकामनाएं दीं जो इस पर्व में आस्था रखते हैं। इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
उदयनिधि स्टालिन ने एक कार्यक्रम के दौरान अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि जब वह मंच पर पहुंचे तो कई लोगों ने उन्हें गुलदस्ते और किताबें भेंट कीं। कुछ लोग उन्हें दिवाली की शुभकामनाएं देने में संकोच कर रहे थे। लोगों को डर था कि कहीं वह नाराज न हो जाएं। इस पर उन्होंने कहा कि वह उन सभी लोगों को दिवाली की शुभकामनाएं दे रहे हैं जिनकी इस पर्व में आस्था है।
बीजेपी नेता और पूर्व राज्यपाल तमिलिसाई सौदाराजन ने इस बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि वह उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी की पूरी तरह से निंदा करती हैं। तमिलिसाई ने कहा कि जब आप दूसरे धर्मों के लोगों का अभिवादन करते हैं तो ऐसी शर्तें नहीं लगाते। केवल हिंदू धर्म की बात आने पर ही ऐसा कहा जाता है।
तमिलिसाई सौदाराजन ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और उदयनिधि स्टालिन को दिवाली की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि वे मूल रूप से हिंदू हैं, चाहे वे इस बात से सहमत हों या नहीं। उन्होंने कहा कि हम केवल उन्हीं लोगों को शुभकामनाएं नहीं देते जो किसी त्योहार में आस्था रखते हैं। यह टिप्पणी राज्य की राजनीति में नई बहस छेड़ने वाली साबित हुई है।
तमिलनाडु बीजेपी प्रवक्ता एएनएस प्रसाद ने डीएमके सरकार पर हिंदू-विरोधी होने का आरोप लगाया। प्रसाद ने कहा कि डीएमके शासन में हिंदू त्योहारों पर बधाई देने की बुनियादी विनम्रता भी नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी लगातार हिंदू धर्म के खिलाफ कटुता फैलाने का काम कर रही है। यह विवाद त्योहार के मौसम में सियासी गर्मजोशी बढ़ाने वाला साबित हो रहा है।
उदयनिधि स्टालिन के बयान ने सोशल मीडिया पर भी तूफान ला दिया है। कई लोग उनके बयान का बचाव कर रहे हैं तो कई लोग आलोचना कर रहे हैं। यह मामला धर्मनिरपेक्षता और राजनीति के बीच की सीमा रेखा पर नई बहस छेड़ता प्रतीत हो रहा है। दोनों राजनीतिक दल अपने-अपने दृष्टिकोण पर कायम हैं।
