Delhi News: उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज का रास्ता अभी साफ नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इसकी रिलीज पर लगी रोक हटाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने केंद्र सरकार की समिति से जल्द फैसला लेने को कहा। यह मामला न केवल कानूनी, बल्कि भावनात्मक रूप से भी संवेदनशील है, क्योंकि यह 2022 में हुए एक जघन्य अपराध से जुड़ा है।
केंद्र की समिति को त्वरित फैसले का निर्देश
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जयमाला बागची की बेंच ने कहा कि फिल्म की रिलीज पर फैसला करना अदालत का अधिकार नहीं है। यह जिम्मेदारी सरकार की है। कोर्ट ने केंद्र द्वारा गठित पैनल से कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपियों का पक्ष सुनने को कहा। बेंच ने स्पष्ट किया कि दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद बनी यह समिति फिल्म की सामग्री की जांच करेगी। कोर्ट ने अगली सुनवाई 21 जुलाई के लिए निर्धारित की है।
दिल्ली हाई कोर्ट का रोक और समिति की भूमिका
दिल्ली हाई कोर्ट ने 10 जुलाई को फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को केंद्र सरकार से संपर्क करने को कहा था। याचिकाओं में दावा किया गया कि फिल्म का ट्रेलर सांप्रदायिक तनाव को बढ़ा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र की समिति को जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए। अगर समिति को फिल्म में कुछ आपत्तिजनक लगता है, तो उसे हटाने का निर्देश दिया जा सकता है।
फिल्म और मुकदमे का संवेदनशील मसला
कन्हैया लाल की हत्या का मामला जयपुर में एनआईए की विशेष अदालत में विचाराधीन है। याचिकाकर्ता मोहम्मद जावेद, जो इस मामले में आठवें आरोपी हैं, ने दावा किया कि उदयपुर फाइल्स की रिलीज उनके निष्पक्ष मुकदमे के अधिकार को प्रभावित कर सकती है। कोर्ट ने इस चिंता को गंभीरता से लिया और समिति को सभी पक्षों को सुनने का निर्देश दिया। यह मामला न केवल कानूनी, बल्कि सामाजिक संवेदनशीलता से भी जुड़ा है।
