Himachal News: हमीरपुर जिले के दो युवक म्यांमार में फंसे हुए हैं। इन युवकों के परिवारों ने सांसद अनुराग ठाकुर से उन्हें सुरक्षित वापस लाने की मांग की है। दोनों युवक म्यांमार के उस इलाके में फंसे हैं जहां चीनी माफिया साइबर फ्रॉड हब चलाते हैं। परिवार के सदस्य बेहद चिंतित हैं।
चंबोह गांव निवासी शिवम को चंडीगढ़ की एक कंपनी ने थाईलैंड में नौकरी का झांसा दिया। उसे म्यांमार भेज दिया गया। शुरुआत में कुछ दिन तक बातचीत होती रही लेकिन अब दो महीने से कोई संपर्क नहीं है। जिले के एक अन्य गांव का युवक भी वहां फंसा हुआ है।
परिवार ने सांसद से की मदद की गुहार
रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम के दौरान परिवार के सदस्यों ने सांसद अनुराग ठाकुर से मुलाकात की। उन्होंने पूरी स्थिति से अवगत कराया। सांसद ने परिवार को आश्वासन दिया कि भारत सरकार फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के प्रयास कर रही है।
अनुराग ठाकुर ने बताया कि करीब पांच सौ भारतीय म्यांमार में फंसे हुए हैं। सभी की जल्द घर वापसी सुनिश्चित की जाएगी। म्यांमार के कई हिस्सों में चीनी साइबर अपराध गिरोह सक्रिय हैं। ये गिरोह युवाओं को फर्जी नौकरियों का झांसा देकर बुलाते हैं।
नौकरी के झांसे में फंसे युवक
शिवम की बुजुर्ग मां ने बताया कि कंपनी ने उनके बेटे को म्यांमार ले जाकर जबरन काम करवाया। बाद में उसे नौकरी से निकाल दिया गया। अब परिवार को उसकी कोई जानकारी नहीं है। परिवार वाले लगातार सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
म्यांमार में साइबर फ्रॉड के केंद्र सक्रिय हैं। युवाओं को ऑनलाइन ठगी के काम में लगाया जाता है। उनसे जबरन काम लिया जाता है। कई मामलों में उनकी स्वतंत्रता छीन ली जाती है। भारत सरकार इन मामलों को गंभीरता से ले रही है।
सरकार की कोशिशें जारी
भारत सरकार म्यांमार में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए कूटनीतिक प्रयास कर रही है। विदेश मंत्रालय इस मामले में लगातार संपर्क में है। स्थानीय अधिकारियों से बातचीत चल रही है। युवाओं को सुरक्षित वापस लाना प्राथमिकता है।
परिवार वालों ने युवाओं को विदेश में नौकरी के लिए जाने से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी है। कंपनियों की पूरी जांच पड़ताल करने को कहा है। संदिग्ध प्रस्तावों से बचने की सलाह दी है। सरकार ने भी ऐसे मामलों में सतर्कता बरतने की अपील की है।
