Nagpur News: महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने नफरत की राजनीति के खिलाफ एक पदयात्रा शुरू की है। यह यात्रा 29 सितंबर को नागपुर के दीक्षाभूमि से प्रारंभ हुई। इसका समापन 2 अक्टूबर को वर्धा के सेवाग्राम आश्रम में होगा। इस पदयात्रा का नाम ‘संविधान सत्याग्रह पदयात्रा’ रखा गया है।
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य देश में संविधान और एकता के संदेश को मजबूत करना है। तुषार गांधी ने कहा कि यह यात्रा इस बात का प्रमाण है कि महात्मा गांधी और संविधान की आवाज अभी जीवित है। वह नफरत की राजनीति के खिलाफ एकता और शांति का संदेश लेकर चल रहे हैं।
रविवार को निकाला गया मशाल जुलूस
पदयात्रा से पहले रविवार को नागपुर में एक मशाल जुलूस निकाला गया। इस जुलूस में महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने भाग लिया। उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए आरएसएस से गांधीवादी विचारों और संविधान को स्वीकार करने का आग्रह किया।
सपकाल ने कहा कि आरएसएस को नाथूराम गोडसे और मनुस्मृति को अलविदा कहना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार पर भारी बारिश के कहर के बाद भी केंद्र को रिपोर्ट नहीं सौंपने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रभावित किसानों के लिए तत्काल सहायता की मांग की।
कई दिग्गज नेताओं के शामिल होने की संभावना
इस पदयात्रा में कई दिग्गज नेताओं के शामिल होने की खबर है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष के अलावा अन्य नेता भी इस मार्च में भाग लेंगे। यह यात्रा चार दिनों तक चलेगी और रास्ते में कई स्थानों पर जनसभाएं आयोजित की जाएंगी।
तुषार गांधी ने कहा कि यह मार्च गांधीजी के सिद्धांतों को जीवित रखने का प्रयास है। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश में सद्भाव और एकता का माहौल बनाए रखना आवश्यक है। यह यात्रा इसी दिशा में एक सार्थक पहल है।
यात्रा का मार्ग और कार्यक्रम
यह पदयात्रा नागपुर स्थित दीक्षाभूमि से शुरू हुई है। दीक्षाभूमि डॉ. बीआर अंबेडकर से जुड़ा एक ऐतिहासिक स्थल है। यहां से शुरू होकर यह यात्रा वर्धा के सेवाग्राम आश्रम तक जाएगी। सेवाग्राम आश्रम महात्मा गांधी का कार्यस्थल रहा है।
यह यात्रा दो अक्टूबर को समाप्त होगी जो महात्मा गांधी की जयंती है। इस दिन देश भर में गांधी जयंती मनाई जाती है। इस विशेष दिन पर यात्रा का समापन होने से इसका महत्व और बढ़ गया है। यह समापन कार्यक्रम सेवाग्राम आश्रम में आयोजित किया जाएगा।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और महत्व
इस पदयात्रा ने राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू कर दी है। विभिन्न दलों के नेता इसके बारे में अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कांग्रेस नेता पूरी तरह से इस यात्रा का समर्थन कर रहे हैं। वहीं अन्य दलों ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
यह यात्रा वर्तमान राजनीतिक माहौल में काफी महत्व रखती है। यह संविधान और गांधीवादी मूल्यों पर केंद्रित है। तुषार गांधी ने कहा कि वह इसके माध्यम से युवाओं तक गांधीजी के विचारों को पहुंचाना चाहते हैं। उनका मानना है कि गांधीवादी विचार आज भी प्रासंगिक हैं।
