America News: अमेरिका की डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस तुलसी गबार्ड ने देश की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इस्लामी विचारधारा को अमेरिकी स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बताया है। एमफेस्ट 2025 (AmFest 2025) सम्मेलन को संबोधित करते हुए गबार्ड ने देशवासियों को आगाह किया। उन्होंने साफ कहा कि राजनीतिक इस्लाम अब अमेरिकी समाज में अपनी जड़ें जमा रहा है।
क्रिसमस और युवाओं पर खतरा
तुलसी गबार्ड ने अपने भाषण में जर्मनी के हालातों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वहां इस्लामी विचारधारा के डर से क्रिसमस बाजार रद्द किए जा रहे हैं। अमेरिका में भी स्थिति बदल रही है। गबार्ड के मुताबिक, मिशिगन और मिनयापोलिस जैसे शहरों में कुछ मौलवी खुलेआम कट्टरपंथ का प्रचार कर रहे हैं। वे अमेरिकी युवाओं को कट्टरपंथी बना रहे हैं।
अमेरिका में शरिया कानून की आहट
सम्मेलन के दौरान तुलसी गबार्ड ने एक बेहद गंभीर मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस्लामिक संगठनों की बैठकों में अमेरिका के अंदर शरिया कानून लागू करने की चर्चा हो रही है। गबार्ड ने दावा किया कि ह्यूस्टन में इसे लागू भी किया जा चुका है। वहीं, न्यू जर्सी का पैटर्सन शहर खुद को पहला ‘मुस्लिम शहर’ मानने पर गर्व करता है। यह अमेरिकी संविधान के खिलाफ है।
धार्मिक आजादी बनाम इस्लामवाद
तुलसी गबार्ड ने धार्मिक स्वतंत्रता और इस्लामवाद के बीच का अंतर स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक इस्लाम हिंसा या कानून के जरिए अपने विचार दूसरों पर थोपता है। गबार्ड ने चार्ली किर्क का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका में आजादी भगवान का दिया हुआ अधिकार है। लेकिन इस्लामी विचारधारा में किसी के लिए कोई आजादी नहीं है। यह विचारधारा अल्लाह के अलावा किसी दूसरे अस्तित्व को नकारती है।
