शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

ट्रंप के टैरिफ से भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव, व्यापार वार्ता पर छाया संकट; जानें अब क्या हुआ

Share

International News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ की घोषणा की। गुरुवार को उन्होंने व्यापार वार्ता जारी रखने से इनकार किया। यह कदम रूस से तेल खरीद के जवाब में आया। भारत ने इसे अनुचित बताया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अपने हितों की रक्षा करेगा। पीएम मोदी ने भी किसानों और मछुआरों के हितों की बात की। टैरिफ 27 अगस्त से लागू होंगे।

ट्रंप का टैरिफ का फैसला

डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगाने का आदेश दिया। इसमें 25% टैरिफ रूस से तेल खरीद के लिए है। यह फैसला भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों को तनावपूर्ण बना रहा है। ओवल ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि मुद्दा सुलझने तक व्यापार वार्ता नहीं होगी। यह कदम दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचा सकता है। टैरिफ 27 अगस्त से लागू होंगे।

भारत की सधी हुई प्रतिक्रिया

भारत ने अमेरिका के टैरिफ को अनुचित और अविवेकपूर्ण बताया। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि भारत अपने हितों की रक्षा करेगा। पीएम मोदी ने बिना नाम लिए कहा कि भारत किसानों और मछुआरों के हितों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने निजी कीमत चुकाने की बात कही। भारत ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया। यह विवाद व्यापारिक रिश्तों को और जटिल बना सकता है।

यह भी पढ़ें:  क्रिप्टो बाजार: अमेरिका-चीन व्यापार जंग से क्रिप्टो मार्केट में मचा हाहाकार, डिजिटल मुद्राओं को कीमतों में आई बड़ी गिरावट

अमेरिकी सलाहकार का बयान

ट्रंप के व्यापारिक सलाहकार ने भारत को टैरिफ का महाराज करार दिया। उन्होंने कहा कि चीन पर पहले ही अधिकतम टैरिफ लगाए गए हैं। अतिरिक्त टैरिफ से अमेरिका को नुकसान होगा। भारत पर टैरिफ रूस से तेल खरीद के जवाब में लगाए गए। सलाहकार ने भारत के खिलाफ सख्त रुख की वकालत की। इससे भारत-अमेरिका व्यापारिक तनाव बढ़ गया है। दोनों देशों के बीच बातचीत रुकी हुई है।

टैरिफ का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर

50% टैरिफ से भारतीय निर्यात प्रभावित होंगे। अमेरिका में भारतीय सामानों की कीमतें बढ़ेंगी। इससे निर्यातक कंपनियों को नुकसान होगा। भारत के किसान और मछुआरे भी प्रभावित होंगे। टैरिफ 27 अगस्त से लागू होने के बाद व्यापार घाटा बढ़ सकता है। भारत सरकार जवाबी कदम उठा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम द्विपक्षीय व्यापार को कमजोर करेगा। स्थिति पर भारत की नजर बनी हुई है।

यह भी पढ़ें:  श्रीलंका: चक्रवात 'दितवा' में फंसे 400 भारतीयों का रेस्क्यू, वायुसेना ने चलाया 'ऑपरेशन सागर बंधु'

रूस तेल विवाद की पृष्ठभूमि

ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर सेकेंडरी टैरिफ की चेतावनी दी थी। भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ इसी का हिस्सा है। अमेरिका का दावा है कि यह कदम उसकी आर्थिक नीतियों का हिस्सा है। भारत ने इसे भेदभावपूर्ण बताया। रूस-यूक्रेन संकट के बीच तेल खरीद एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है। यह विवाद भारत-अमेरिका संबंधों को और प्रभावित कर सकता है।

भविष्य में व्यापार वार्ता पर अनिश्चितता

ट्रंप के बयान ने व्यापार वार्ता की संभावनाओं को कमजोर किया। उन्होंने कहा कि मुद्दा सुलझने तक बातचीत नहीं होगी। भारत ने जवाबी कार्रवाई का संकेत दिया है। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति वैश्विक व्यापार को भी प्रभावित कर सकती है। भारत अपनी नीतियों पर अडिग है। टैरिफ विवाद का समाधान निकालना दोनों देशों के लिए चुनौती है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News