शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

ट्रंप के टैरिफ से भदोही के कालीन उद्योग संकट छाया संकट, खतरे में आई 15 लाख बुनकरों की नौकरियां

Share

Uttar Pradesh News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय कालीनों पर 50% टैरिफ लगाया। इससे भदोही का कालीन उद्योग संकट में है। भदोही हर साल 17,740 करोड़ रुपये के कालीन निर्यात करता है। इसमें 60% अमेरिका को जाता है। टैरिफ से 60% ऑर्डर रुके हैं। इससे 15 लाख बुनकरों की आजीविका खतरे में है। निर्यातक सरकार से राहत की मांग कर रहे हैं।

भदोही के कालीन उद्योग पर असर

भदोही को कालीन नगरी के नाम से जाना जाता है। यह 17,740 करोड़ रुपये के कालीन निर्यात करता है। अमेरिका इसका 60% हिस्सा लेता है। ट्रंप के 50% टैरिफ से ऑर्डर रुक गए हैं। निर्यातक असलम महबूब ने कहा कि कीमतें बढ़ेंगी। अमेरिकी खरीदार सस्ते विकल्प चुन सकते हैं। इससे निर्यात में भारी गिरावट होगी। यह उद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है।

यह भी पढ़ें:  पीएम मोदी करेंगे हिमाचल, पंजाब सहित सभी बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा, स्थिति की करेंगे समीक्षा

15 लाख नौकरियों पर खतरा

कालीन उद्योग से 15 लाख लोग जुड़े हैं। टैरिफ से उनकी आजीविका खतरे में है। भदोही, मिर्जापुर, वाराणसी और जौनपुर के बुनकर प्रभावित होंगे। असलम महबूब ने कहा कि यह उद्योग भारत की कला को दर्शाता है। निर्यात में कमी से बुनकरों की आय घटेगी। कई परिवार पीढ़ियों से इस पेशे में हैं। संकट ने उनके भविष्य पर सवाल उठाए हैं।

यूपी के अन्य निर्यात पर प्रभाव

टैरिफ का असर सिर्फ कालीनों तक सीमित नहीं है। आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि ऑर्गेनिक-इनऑर्गेनिक केमिकल, गारमेंट्स, जूलरी, मशीनरी और लेदर भी प्रभावित होंगे। यूपी का 19% निर्यात अमेरिका को जाता है। 2024-25 में यूपी ने 1.86 लाख करोड़ का निर्यात किया। इसमें अमेरिका को 35,545 करोड़ का माल भेजा गया। टैरिफ से यह व्यापार घट सकता है।

यह भी पढ़ें:  Insurance: अमेरिकी सरकार का शटडाउन 43 दिन बाद हुआ खत्म, लेकिन Affordable Care Act का भविष्य अब भी अनिश्चित

बेलआउट पैकेज की मांग

कालीन निर्यात संवर्धन परिषद ने 20% बेलआउट पैकेज मांगा है। असलम महबूब ने कहा कि टैरिफ से प्रतिस्पर्धी कीमतें कम होंगी। निर्यातक मनमोहन अग्रवाल ने नए बाजार तलाशने की बात कही। लेकिन अमेरिका में अच्छी कीमत मिलती है। अन्य देशों में यह संभव नहीं है। निर्यातक चाहते हैं कि सरकार तुरंत हस्तक्षेप करे। इससे उद्योग को बचाया जा सकता है।

सरकार से उम्मीद

निर्यातक सरकार से राहत की उम्मीद कर रहे हैं। आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि यूपी देश में चौथे स्थान पर है। टैरिफ से निर्यात की गति रुक सकती है। निर्यातकों ने केंद्र सरकार से बातचीत की मांग की। वे चाहते हैं कि टैरिफ कम हो। नीतिगत सहूलियतें मिलें। समय पर राहत न मिली तो उद्योग को लंबा नुकसान होगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News