शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

ट्रंप का बड़ा फैसला: H-1B वीजा के लिए अब देना होगा 88 लाख रुपये, भारतीय पेशेवरों पर पड़ेगा सीधा असर

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Washington News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वर्क वीजा के लिए नई आवेदन फीस की घोषणा की है। अब इस वीजा के लिए 1 लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) की फीस देनी होगी। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी ने इस खबर की पुष्टि की है। यह निर्णय ट्रंप की इमिग्रेशन नीति का हिस्सा बताया जा रहा है।

यह नया नियम भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए बड़ा झटका साबित होगा। अमेरिका में H-1B वीजा के लिए अब तक लॉटरी प्रणाली लागू थी, जिसे अब वेतन-आधारित चयन प्रक्रिया में बदल दिया गया है। इससे फ्रेशर्स के लिए अमेरिका में नौकरी पाना कठिन हो जाएगा।

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भारतीय पेशेवरों पर प्रभाव

वर्ष 2023 में भारतीय पेशेवरों को 191,000 H-1B वीजा जारी किए गए थे। 2024 में यह संख्या बढ़कर 207,000 हो गई थी। इनमें अधिकांश आईटी, सॉफ्टवेयर और इंजीनियरिंग क्षेत्र के पेशेवर शामिल थे। नए नियम से सीनियर प्रोफेशनल्स को कुछ फायदा हो सकता है।

लेकिन नई उच्च फीस के कारण फ्रेशर्स के लिए अमेरिका में नौकरी का सपना देखना मुश्किल हो जाएगा। वर्तमान में प्रतिवर्ष 85,000 वीजा जारी किए जाते हैं। इनमें से 70% वीजा भारतीय पेशेवरों को मिलते हैं। नई व्यवस्था में वीजा आवंटन लॉटरी के बजाय वेतन के आधार पर होगा।

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गोल्ड कार्ड वीजा कार्यक्रम

ट्रंप प्रशासन ने ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा प्रोग्राम की भी घोषणा की है। इसके तहत उच्च योग्यता वाले पेशेवरों को प्राथमिकता दी जाएगी। अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक के अनुसार यह कार्यक्रम अमेरिकी खजाने के लिए 100 बिलियन डॉलर से अधिक जुटाएगा।

नए नियमों का उद्देश्य केवल उन लोगों को वीजा देना है जो अमेरिका में व्यवसाय स्थापित करेंगे और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार पैदा करेंगे। ट्रंप का कहना है कि इससे अमेरिकी नागरिकों का टैक्स कम होगा और देश का कर्ज चुकाने में मदद मिलेगी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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