World News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 15 अगस्त को अलास्का में मिलने वाले हैं। इस शिखर वार्ता का मुख्य मुद्दा यूक्रेन युद्ध को समाप्त करना है। हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने साफ कर दिया है कि वे रूस को कोई जमीन नहीं देंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा हुआ तो भविष्य में फिर से हमले हो सकते हैं।
क्या है पूरा मामला?
ट्रंप और पुतिन की यह मुलाकात 2024 के बाद पहली बार होगी। इसका मकसद यूक्रेन युद्ध को खत्म करना है। ट्रंप ने कहा है कि वे पुतिन के साथ बातचीत कर युद्ध रोकने का रास्ता निकालेंगे। लेकिन जेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेन के बिना कोई भी समझौता मान्य नहीं होगा।
रूस की मांगें क्या हैं?
रूस ने यूक्रेन से कई शर्तें रखी हैं, जिनमें शामिल हैं:
- डोनबास क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण: रूस चाहता है कि यूक्रेन डोनबास के उन हिस्सों को भी छोड़ दे, जो अभी उसके कब्जे में हैं।
- नाटो में शामिल न होने की गारंटी: यूक्रेन को भविष्य में नाटो में शामिल न होने का वादा करना होगा।
- पश्चिमी हथियारों की आपूर्ति बंद करना: यूक्रेन को पश्चिमी देशों से सैन्य सहायता लेना बंद करना होगा।
यूक्रेन क्यों नहीं देगा जमीन?
जेलेंस्की ने साफ किया है कि यूक्रेन अपनी एक इंच जमीन भी रूस को नहीं देगा। उन्होंने कहा, “हमारे संविधान के अनुसार, यूक्रेन की जमीन पर किसी बाहरी ताकत का अधिकार नहीं हो सकता।”। यूक्रेन का मानना है कि अगर वह जमीन देता है तो रूस भविष्य में फिर से हमला कर सकता है।
ट्रंप क्या चाहते हैं?
ट्रंप ने कहा है कि वे पुतिन के साथ बातचीत कर युद्ध रोकने का प्रयास करेंगे। उन्होंने संकेत दिया कि समझौते में जमीन की अदला-बदली हो सकती है। हालांकि, यूरोपीय नेताओं ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन को शामिल किए बिना कोई भी समझौता नहीं होना चाहिए।
क्या होगा अलास्का सम्मेलन में?
- एकांत वार्ता: ट्रंप और पुतिन के बीच सीधी बातचीत होगी, जिसमें यूक्रेन शामिल नहीं होगा।
- यूरोपीय नेताओं से सलाह: ट्रंप ने कहा कि वे पुतिन से बात करने के बाद जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से संपर्क करेंगे।
- भविष्य की योजना: अगर पुतिन गंभीर हैं, तो ट्रंप जेलेंस्की और पुतिन की अलग बैठक करवा सकते हैं।
क्या युद्ध खत्म होगा?
अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इस शिखर वार्ता से युद्ध समाप्त होगा या नहीं। जेलेंस्की ने कहा है कि वे “स्थायी शांति” चाहते हैं, लेकिन रूस की शर्तों पर नहीं। दूसरी ओर, रूस ने डोब्रोपिलिया पर हमला कर यह संकेत दिया है कि वह युद्ध जारी रख सकता है।
इस बैठक के नतीजे पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण होंगे। अगर युद्ध खत्म होता है, तो यह ट्रंप की बड़ी कूटनीतिक जीत होगी। लेकिन अगर यूक्रेन को मजबूर किया गया, तो यह भविष्य में और संघर्ष का कारण बन सकता है।
