Washington News: अमेरिकी व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला यूक्रेन संघर्ष को रोकने में रूस की भूमिका को लेकर है। प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने दावा किया कि इस कदम का उद्देश्य रूस पर अतिरिक्त दबाव डालना और युद्ध को समाप्त करना है। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने भारत की जनता पर युद्ध खत्म करने के लिए जबरदस्त दबाव डाला है।
टैरिफ दोगुना करने का फैसला
ट्रंप प्रशासन ने भारत पर पहले से लागू 25 प्रतिशत टैरिफ पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है। इस तरह कुल आयात शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेरिका यूक्रेन में युद्ध को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए दबाव बनाने की कोशिशों में जुटा हुआ है। व्हाइट हाउस ने इस कार्रवाई को एक बड़ा कदम बताया।
यूक्रेन के साथ सफल बैठक
इस घोषणा से ठीक पहले, राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। ज़ेलेंस्की ने युद्ध समाप्त करने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ त्रिपक्षीय वार्ता की इच्छा जताई। ट्रंप ने इस मुलाकात को बेहद सफल बताया, जबकि ज़ेलेंस्की ने इसे अब तक की सबसे अच्छी बातचीत करार दिया।
शांति के लिए अमेरिकी प्रयास
व्हाइट हाउस ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप जल्द से जल्द शांति स्थापित करना चाहते हैं। लेविट ने कहा कि सभी यूरोपीय नेता, जिनमें नाटो महासचिव भी शामिल हैं, इस पहल का समर्थन करते हैं। उनका मानना है कि यह एक शानदार शुरुआत है और दोनों नेताओं की बैठक एक सकारात्मक कदम साबित होगी। अमेरिका इस दिशा में लगातार काम कर रहा है।
रूस और यूक्रेन के साथ समन्वय
प्रेस सचिव ने आगे बताया कि अमेरिकी सरकार रूस और यूक्रेन दोनों के साथ मिलकर द्विपक्षीय वार्ता को संभव बनाने के लिए काम कर रही है। लेविट के अनुसार, ट्रंप के शांति प्रयासों के कारण ही यूरोपीय नेता पुतिन के साथ बैठक के महज 48 घंटे के भीतर व्हाइट हाउस पहुंचे। इस बैठक में हुई प्रगति से सभी नेता संतुष्ट नजर आए।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला
लेविट ने दावा किया कि पुतिन के साथ बैठक के तुरंत बाद यूरोपीय नेताओं को दी गई जानकारी से मामले में तेजी से प्रगति हुई। इसकी वजह से हर एक नेता 48 घंटे के अंदर ही अमेरिका के लिए रवाना हो गया। इससे साफ जाहिर होता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय युद्ध को खत्म करने के अमेरिकी प्रयासों का समर्थन कर रहा है। सभी पक्ष शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
