US News: ट्रंप प्रशासन ने अमरीकी विदेश विभाग में ट्रंप प्रशासन की नीति के तहत 1300 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी शुरू की। शुक्रवार को 1,107 सिविल सेवा और 246 विदेश सेवा कर्मचारियों को नोटिस भेजा गया। यह कटौती विभाग के पुनर्गठन का हिस्सा है। सीबीएस न्यूज के अनुसार, इस कदम से कर्मचारियों में अनिश्चितता बढ़ी है। इससे पहले 1,500 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक इस्तीफा दे दिया था। यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल उठा रहा है।
व्यापक पुनर्गठन का हिस्सा
विदेश विभाग में यह छंटनी ट्रंप प्रशासन के संघीय कार्यबल को कम करने के व्यापक लक्ष्य का हिस्सा है। कुल 18,700 कर्मचारियों में से 18% की कटौती का लक्ष्य रखा गया था। मई में विभाग ने कांग्रेस को इसकी सूचना दी थी। सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले ने इन छंटनियों को हरी झंडी दिखाई। इस कदम से जनसंख्या, शरणार्थी और प्रवासन ब्यूरो के लगभग सभी सिविल सेवा कर्मचारी प्रभावित हुए हैं।
आलोचकों की चिंता
आलोचकों का कहना है कि यह छंटनी विदेश विभाग की कार्यक्षमता को कमजोर करेगी। सीनेट की विदेश संबंध समिति के डेमोक्रेट सदस्यों ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक बताया। अफगान पुनर्वास प्रयासों से जुड़े कर्मचारी भी प्रभावित हुए हैं। यह कदम अमरीका की वैश्विक छवि को प्रभावित कर सकता है। पूर्व राजनयिकों ने भी इसकी आलोचना की है।
कर्मचारियों पर प्रभाव
छंटनी से प्रभावित कर्मचारियों में सिविल और विदेश सेवा के अधिकारी शामिल हैं। सिविल सेवा कर्मचारियों को 60 दिन और विदेश सेवा कर्मचारियों को 120 दिन की नोटिस अवधि दी गई है। कई कर्मचारी इस अचानक बदलाव से परेशान हैं। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह कटौती विभाग को अधिक कुशल बनाएगी। हालांकि, कर्मचारियों का मनोबल गिरने की आशंका जताई जा रही है।
वैश्विक प्रभाव की आशंका
यह छंटनी ऐसे समय में हो रही है, जब वैश्विक स्तर पर कई संकट चल रहे हैं। आलोचकों का मानना है कि ट्रंप प्रशासन की यह नीति अमरीका की कूटनीतिक क्षमता को कमजोर कर सकती है। विशेष रूप से, मानवाधिकार और शरणार्थी मामलों से जुड़े कार्यालयों पर असर पड़ेगा। विभाग अब क्षेत्रीय ब्यूरो को सशक्त करने पर ध्यान दे रहा है, लेकिन विशेषज्ञ इसे जोखिम भरा मान रहे हैं।
