Sports News: महिला विश्व कप 2025 के सेमीफाइनल मुकाबले में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमों ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर मैच खेला। यह श्रद्धांजलि युवा ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर बेन आस्टिन के निधन के बाद दी गई। बेन की गेंद लगने से मौत हो गई थी।
बेन आस्टिन मेलबर्न में फर्नट्री गली क्रिकेट क्लब के लिए अभ्यास कर रहे थे। बल्लेबाजी के दौरान गेंद उनके गले पर लगी। इस घटना ने क्रिकेट जगत को हिला कर रख दिया। उन्हें अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी।
फिल ह्यूज की यादें ताजा
यह घटना 2014 की उस दुखद घटना की याद दिला गई। उस समय ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिल ह्यूज की मौत हुई थी। ह्यूज को प्रथम श्रेणी मैच के दौरान गेंद लगी थी। नवंबर 2014 में सिडनी में यह घटना घटी थी। बेन आस्टिन का निधन भी इसी तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में हुआ।
बेन टी20 मैच से पहले अभ्यास कर रहे थे। साथी खिलाड़ियों के सामने ही यह हादसा हुआ। हालांकि उन्होंने हेलमेट पहना था लेकिन नेकगार्ड नहीं पहना था। इस घटना ने एक बार फिर क्रिकेट में सुरक्षा उपकरणों के महत्व पर चर्चा शुरू कर दी है।
परिवार का दर्द
क्रिकेट विक्टो रियाने बेन के पिता जेस आस्टिन के हवाले से बयान जारी किया। परिवार ने कहा कि वे अपने चहेते बेन के निधन से बेहद दुखी हैं। बयान में कहा गया कि बेन ट्रेसी और जेस का लाड़ला बेटा था। वह कूपर और जाश का चहेता भाई था।
परिवार ने बेन को अपने जीवन का उजाला बताया। उन्होंने कहा कि बेन को क्रिकेट से गहरा प्यार था। यह खेल उसके जीवन की सबसे बड़ी खुशी थी। इस हादसे ने उनके परिवार से बेन को हमेशा के लिए छीन लिया।
गेंदबाज के प्रति संवेदना
परिवार ने उस गेंदबाज के साथ भी एकजुटता जताई जो उस समय गेंदबाजी कर रहा था। बयान में कहा गया कि इस हादसे ने दो युवाओं के जीवन को प्रभावित किया है। गेंदबाज और उसके परिवार के साथ भी उनकी संवेदनाएं हैं।
परिवार ने बेन को यादों में संजोने की बात कही। उन्होंने कहा कि बेन हमेशा उनकी यादों में रहेगा। इस त्रासदी ने पूरे क्रिकेट समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। खिलाड़ियों ने मैदान पर भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
सुरक्षा उपकरणों पर बहस
इस घटना ने क्रिकेट में सुरक्षा मानकों पर नई बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञ हर स्तर पर बेहतर सुरक्षा उपकरणों की मांग कर रहे हैं। नेकगार्ड जैसे उपकरणों के अनिवार्य उपयोग पर चर्चा तेज हो गई है। यह दूसरा मौका है जब ऐसी दुखद घटना हुई है।
क्रिकेट प्रशासन अब सुरक्षा नियमों पर पुनर्विचार कर सकता है। खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है। इससे भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिल सकती है।