शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

ट्राई का बड़ा फैसला: अब हर कॉल पर दिखेगा कॉलर का असली नाम, कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन सेवा को मिली मंजूरी

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National News: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन सेवा को मंजूरी दे दी है। अब मोबाइल उपयोगकर्ताओं को कॉल आने पर नंबर के साथ कॉलर का नाम भी दिखेगा। यह सेवा डिफॉल्ट रूप से सभी के लिए सक्रिय होगी।

उपयोगकर्ता चाहें तो इस सेवा को बंद कर सकेंगे। इस नई व्यवस्था से फ्रॉड और स्पैम कॉल पर रोक लगेगी। लोगों को कॉलर की सही पहचान मिल सकेगी। अनजान नंबरों से आने वाली कॉल की चिंता अब खत्म होगी।

CNAP सेवा क्या है

कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन एक नई तकनीकी सेवा है। जब कोई व्यक्ति कॉल करेगा तो रिसीवर के फोन पर कॉलर का रजिस्टर्ड नाम दिखेगा। यह नाम टेलीकॉम डेटाबेस से लिया जाएगा। किसी थर्ड पार्टी एप्लिकेशन की जरूरत नहीं होगी।

इस सेवा का मुख्य उद्देश्य स्पैम कॉल रोकना है। फ्रॉड कॉल से उपयोगकर्ताओं को बचाना है। लोगों को कॉलर की वास्तविक पहचान मिल सकेगी। अनचाही कॉल से छुटकारा मिलेगा।

ट्राई और दूरसंचार विभाग का निर्णय

ट्राई ने 28 अक्टूबर को दूरसंचार विभाग के सुझावों पर अंतिम रिपोर्ट दी। दोनों ने मिलकर यह निर्णय लिया है। सेवा सभी मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए डिफॉल्ट रहेगी। कोई इसे ऑप्ट आउट कर सकता है।

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देश के सभी मोबाइल नेटवर्क पर सेवा स्वचालित सक्रिय होगी। किसी अतिरिक्त प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होगी। यह निर्णय मोबाइल सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है।

किन नेटवर्क पर मिलेगी सेवा

शुरुआत में सीएनएपी सेवा 4जी और 5जी नेटवर्क पर उपलब्ध होगी। 2जी और 3जी नेटवर्क को बाद में शामिल किया जाएगा। इसके लिए तकनीकी उन्नयन की आवश्यकता है। नए मोबाइल उपकरणों में सीएनएपी समर्थन अनिवार्य होगा।

टेलीकॉम कंपनियों को अपने सिस्टम अपग्रेड करने होंगे। मोबाइल निर्माताओं को नए उपकरणों में इस सुविधा को शामिल करना होगा। सरकार जल्द ही अंतिम दिशा निर्देश जारी करेगी।

उपयोगकर्ताओं को मिलने वाले लाभ

इस नई सेवा से फ्रॉड कॉल पर अंकुश लगेगा। नकली कॉलर से धोखाधड़ी की संभावना कम होगी। उपयोगकर्ता कॉलर का नाम देखकर निर्णय ले सकेंगे। कॉल स्वीकार करना है या नहीं यह तय कर सकेंगे।

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व्यवसायिक कॉल में पारदर्शिता बढ़ेगी। कंपनियां अपने ब्रांड नाम से कॉल कर सकेंगी। ग्राहकों को विश्वास होगा कि कॉल वास्तविक है। समय की बचत होगी और परेशानी कम होगी।

गोपनीयता संबंधी चिंताएं

कुछ विशेषज्ञों ने गोपनीयता को लेकर चिंता जताई है। उनका मानना है कि कॉलर का नाम दिखने से निजता प्रभावित हो सकती है। हालांकि ट्राई ने स्पष्ट किया है कि जानकारी सीधे नेटवर्क डेटाबेस से आएगी।

किसी बाहरी एप्लिकेशन या तीसरे पक्ष को डेटा नहीं दिया जाएगा। उपयोगकर्ता सेवा बंद करने का विकल्प भी रखेंगे। इस तरह गोपनीयता का ध्यान रखा गया है।

तैयारियां और कार्यान्वयन

टेलीकॉम कंपनियों और मोबाइल निर्माताओं को तैयारी करनी होगी। तकनीकी बदलाव और सिस्टम अपग्रेड की आवश्यकता है। नए मोबाइल उपकरणों में सीएनएपी सपोर्ट जोड़ना होगा। मौजूदा उपकरणों के लिए सॉफ्टवेयर अपडेट जारी करने होंगे।

सरकार जल्द ही विस्तृत दिशा निर्देश जारी करेगी। टेलीकॉम कंपनियों को कार्यान्वयन की समय सीमा दी जाएगी। आने वाले महीनों में सेवा पूरी तरह लागू होने की उम्मीद है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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