Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में एक भीषण भूस्खलन की घटना हुई है। बरठीं क्षेत्र के भल्लू पुल के पास मंगलवार शाम एक पहाड़ी हिस्सा अचानक टूटकर गिरा। यह हिस्सा सीधे एक निजी बस पर आ गिरा। इस दर्दनाक हादसे में अब तक पंद्रह लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
हादसे के समय बस में लगभग पैंतीस यात्री सवार थे। बस मरोतन से घुमारवीं की ओर जा रही थी। पहाड़ का बड़ा हिस्सा चट्टानों और मलबे के साथ अचानक गिरा। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बस की छत पूरी तरह उखड़ गई। वाहन खड्ड में जा गिरा।
बचाव कार्य में जुटी टीमें
घटनास्थल पर मौजूद अन्य वाहनों के चालकों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने राहत कार्य शुरू किया। बाद में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमें भी मौके पर पहुंच गईं। रात भर जेसीबी मशीनों से मलबा हटाने का काम चलता रहा।
बस चालक और परिचालक भी इस हादसे में अपनी जान गंवा बैठे। कई गंभीर रूप से घायलों को तुरंत इलाज के लिए एम्स बिलासपुर भेजा गया। डॉक्टरों की टीमें घायलों के उपचार में जुटी हुई हैं। स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत
मरने वालों में एक ही परिवार के चार सदस्य शामिल हैं। इस दुर्घटना ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है। दो नाबालिग बच्चे आरुषि और शौर्य इस हादसे में बचाए गए हैं। दोनों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
उनका इलाज चल रहा है। भूस्खलन की यह घटना हिमाचल प्रदेश में इस साल की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है। स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में पुलिस की मदद कर रहे हैं। मलबे में दबे लोगों को बचाने का प्रयास जारी है।
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने जताया दुख
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों की निगरानी भी शुरू कर दी है। वह सीधे जिला प्रशासन के संपर्क में हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दुर्घटना पर दुख जताया है। उन्होंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की है। घायलों को पचास-पचास हजार रुपये की सहायता दी जाएगी।
इलाके में भूस्खलन का खतरा
यह इलाका पहाड़ी क्षेत्र में आता है और यहां अक्सर भूस्खलन की घटनाएं होती रहती हैं। मानसून के बाद का समय इन घटनाओं के लिए विशेष रूप से संवेदनशील माना जाता है। स्थानीय प्रशासन ने इस तरह के खतरों को देखते हुए चेतावनी जारी की थी।
पहाड़ों के अस्थिर होने के कारण ऐसी दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। इस भूस्खलन ने एक बार फिर पहाड़ी इलाकों में सुरक्षा उपायों की जरूरत को रेखांकित किया है। अधिकारी अब अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की समीक्षा कर रहे हैं।
राहत कार्य जारी
बचाव दल अभी भी मलबे में फंसे लोगों की तलाश कर रहे हैं। संभावना है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास सुरक्षा के इंतजाम कर लिए हैं। यातायात को दूसरे मार्ग से डाइवर्ट किया गया है।
पूरा इलाका मलबे और चट्टानों से अटा पड़ा है। बचाव कार्य में बाधा आ रही है। मौसम की स्थिति भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। अधिकारी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द सभी लोगों को बाहर निकाला जाए।
