शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

तिरुपति न्यूज़: TTD लड्डू घोटाला, CBI ने खोली नकली घी की पोल; जानें क्या है पूरा मामला

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Andhra Pradesh News: तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी में बड़ा घोटाला सामने आया है। सीबीआई की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। उत्तराखंड की एक डेयरी ने पांच साल में 68 लाख किलोग्राम नकली घी बेचा। इस घी का इस्तेमाल तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के लड्डू बनाने में हुआ। डेयरी ने कभी दूध या मक्खन नहीं खरीदा था।

सीबीआई की विशेष जांच टीम ने यह जानकारी दी है। भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी ने 2019 से 2024 के बीच घी की सप्लाई की। इसकी कुल कीमत लगभग 250 करोड़ रुपये बताई जा रही है। डेयरी ने फर्जी दस्तावेज बनाकर घी की सप्लाई जारी रखी। यह घोटाला तब उजागर हुआ जब लड्डू में मिलावट की शिकायतें आईं।

डेयरी ने अपनाई ऐसी ट्रिक

सीबीआई के अनुसार हरिद्वार जिले की भोले बाबा डेयरी के प्रमोटरों ने फर्जी यूनिट बनाई। पामिल जैन और विपिन जैन ने दूध खरीद के फर्जी दस्तावेज बनाए। उन्होंने भुगतान रिकॉर्ड में हेराफेरी की। इस तरह वे असली घी उत्पादन का भ्रम पैदा करते रहे। जांच में पता चला कि डेयरी ने कभी दूध नहीं खरीदा।

आरोपी अजय कुमार सुगंध ने जांच टीम को जानकारी दी। वह डेयरी को केमिकल सप्लाई करता था। इनमें मोनोडाइग्लिसराइड्स और एसेटिक एसिड एस्टर शामिल थे। ये रसायन घी में बनावट और स्थिरता बढ़ाने के लिए मिलाए जाते थे। ये केमिकल औद्योगिक और खाद्य मिलावट में उपयोग होते हैं।

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ब्लैकलिस्ट के बाद भी जारी रही सप्लाई

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने 2022 में डेयरी को ब्लैकलिस्ट कर दिया था। शिकायतों के आधार पर यह कार्रवाई हुई थी। लेकिन डेयरी मालिकों ने सप्लाई जारी रखी। उन्होंने अन्य डेयरी फर्मों के नाम से टेंडर हासिल किए। वैष्णवी डेयरी, माल गंगा डेयरी और एआर डेयरी फूड्स के नाम का इस्तेमाल हुआ।

जुलाई 2024 में टीटीडी ने एआर डेयरी के चार टैंकर घी को रिजेक्ट कर दिया। मिलावट के कारण यह फैसला लिया गया। लेकिन ये टैंकर डेयरी में वापस नहीं गए। सीबीआई ने बताया कि इन्हें सीधे वैष्णवी डेयरी के पास ले जाया गया। इससे घोटाले की जड़ें और गहरी हो गईं।

जानवरों की चर्बी मिलाने का आरोप

सीबीआई की रिमांड रिपोर्ट में गंभीर आरोप लगे हैं। रिपोर्ट के अनुसार घी के कई स्टॉक में जानवरों की चर्बी मिलाई गई। यह खुलासा एफएसएसएआई और एसआईटी की संयुक्त जांच में हुआ। नकली घी में हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल किया गया। इससे भक्तों के स्वास्थ्य को खतरा पैदा हुआ।

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तिरुपति मंदिर के लड्डू दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। करोड़ों भक्त इन्हें प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। घी की मिलावट से भक्तों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। टीटीडी प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि इतने बड़े घोटाले का पता क्यों नहीं चला।

सीबीआई जारी रखेगी जांच

सीबीआई की विशेष जांच टीम मामले की गहराई से जांच कर रही है। कई आरोपियों से पूछताछ की जा चुकी है। डेयरी मालिकों और उनके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। टीटीडी प्रशासन में शामिल कुछ लोगों पर भी संदेह जताया जा रहा है। जांच देश के कई राज्यों तक फैली हुई है।

तिरुपति मंदिर प्रशासन ने मामले की गंभीरता को स्वीकार किया है। उन्होंने सीबीआई को पूरा सहयोग देने का वादा किया है। भविष्य में ऐसे घोटालों को रोकने के लिए नई व्यवस्था बनाई जा रही है। घी की गुणवत्ता जांच के प्रोटोकॉल को सख्त किया जाएगा। सप्लायर्स की पृष्ठभूमि की जांच की जाएगी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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