28.1 C
Delhi
गुरूवार, जून 1, 2023
spot_imgspot_img

यह 3 एक्सरसाइज प्रेग्नेंसी में है फायदेमंद, पेल्विक फ्लोर मजबूत करती हैं, डिलीवरी में भी होगी आसानी

Click to Open

Published on:

Exercises For Pelvic Floor During Pregnancy In Hindi: आमतौर पर प्रेग्नेंट महिलाओं को लगता है कि उन्हें कंप्लीट रेस्ट लेना चाहिए। ऐसा इस वजह से भी है, क्योंकि इस सफर के दौरान के महिलाएं थोड़े-थोड़े काम से थक जाती हैं।

Click to Open

इसके अलावा, उनका शरीर कई तरह के बदलाव से गुजरता है, ऐसे में पीठ दर्द आदि समस्याएं भी बनी रहती हैं। हालांकि, आगर आपको इस तरह की समस्याएं हो रही हैं, तो भी आपके ज्यादा रेस्ट नहीं करना चाहिए। इसके बजाय, फिजीकली यानी शारीरिक रूप से सक्रिय बना रहना चाहिए। आप चाहें, तो एक्सरसाइज कर सकते हैं। गर्भावस्था के शुरुआती दौर में ही आप पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करना शुरू कर दें। इससे गर्भाशय, योनी, पेट, मूत्राशय और अन्य अंगों को सहारा देने वाली मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। इसके लिए, गर्भावस्था की पहली तिमाही से ही योग, टहलना, जॉगिंग और पेल्विक फ्लोर व्यायाम करने की सलाह दी जाती है, इन्हें कीगल्स के रूप में भी जाना जाता है।

वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से जानें कैसे करें पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करने के तरीके और इसके फायदे।

पेल्विक फ्लोर क्या है (What is Pelvic Floor)

पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों के एक समूह को कहा जाता है। यह हिस्सा, ब्लैडर, यूटरस और आंत को सपोर्ट करता है। यह आपके यूरेथ्रा यानी मूत्रमार्ग, वजाइना (योनि) और गुदा श्रोणी (एनस) से होकर गुजरती है। गर्भवती महिलाओं के पेल्विक एरिया का मजबूत और हेल्दी होना बहुत जरूरी है। ऐसा इसलिए, तभी वह गर्भ में शिशु को अच्छी तरह सहारा मिलता है और डिलीवरी में भी आसानी होती है। इसके अलावा, जन्म के दौरान, आपके श्रोणि तल की मांसपेशियों को आराम और खिंचाव की आवश्यकता होती है ताकि आपके बच्चे का जन्म हो सके।

पेल्विक फ्लोर के लिए करें ये एक्सरसाइज (Pelvic Floor Exercise)

बेली ब्रीदिंग (Belly Breathing)

पेल्विक फ्लोर के लिए गर्भवती महिलाएं बेली ब्रीदिंग एक्सरसाइज कर सकती हैं। यह एक तरह की पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज है। इससे पेट को स्ट्रेंथ मिलती है और महिला के लिए शिशु को होल्ड करना सहज हो जाता है।

एक्सराइज कैसे करें (How To Do Exercise)

  • पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज के तौर पर जब आप बेली ब्रीदिंग करें, तो सबसे पहले पैरों को क्रॉस करके बैठें।
  • अपनी पीठ के निचले हिस्से को सपोर्ट दें।
  • अपने हाथ को पेट पर रखें।
  • पीठ और कंधों को स्थिर रखें यानी इन्हें हिलाए नहीं।
  • अब धीरे-धीरे सांस लें। सांस लेते वक्त 
  • वक्त ध्यान रखें कि आपका पेट बाहर की ओर फूलना चाहिए।
  • कुछ देर के लिए सांस को होल्ड कर लें।
  • अब सांस अपने मुंह से छोड़ें। सांस छोड़ते वक्त पेट अंदर यानी स्पाइन की तरफ जाना चाहिए।

स्क्वॉट कॉम्बो (Squat Combo)

प्रेग्नेंसी में पेल्विक फ्लोर के लिए बेहतरीन एक्सराइजों में से एक है, स्क्वॉट कॉम्बो। इस एक्सरसाइज को करने से एब्स, पैरों और पेल्विक फ्लोर को मजबूती मिलती है।

एक्सरसाइज कैसे करें (How To Do Exercise)

  • प्रेग्नेंसी में पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करने के लिए सबसे पहले एक चेयर लेकर खड़े हो जाएं।
  • एड़ियों को फर्श पर टिकाए रखें।
  • अपने पैरों को चौड़ाई में खोल लें।
  • अब वजन को एड़ियों पर डालते हुए घुटने को मोड़ें।
  • अगर पैरों में तकलीफ हो, तो पैरों के नीचे तौलिया रख सकते हैं।
  • अब सांस लेते और छोड़ते हुए अपने एब्स को अंदर-बाहर करें।
  • इसके बाद स्टैंडिंग पोजीशन में लौट आएं।
  • इस तरह एक सेट पूरा होता है।
  • इसी तरह करीब पांच बार दोहराएं।

कैट-काउ स्ट्रेच (Cat-cow Stretch)

प्रेग्नेंसी में पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज में कैट-काउ (Cat-cow Stretch) भी काफी लाभकारी है। इससे पीठ के निचले हिस्से की मासंपेशियों में खिंचाव आता है, जो बच्चे और मां दोनों के लिए अच्छा होता है और पेल्विक हेल्थ भी बेहतर होती हैं।

कैसे करें (How To Do Exercise)

  • प्रेग्नेंसी में के तौर पर जब आप कैट-काउ पोज़ करें, तो इसके लिए सबसे पहले बिल्ली या गाय की पोजीशन में बैठ जाएं।
  • इस पोजशना के दौरान आपका पेट जमीन की ओर और पीठ आसमान की ओर होता है।
  • हथेली को जमीन पर अच्छी तरह टिकाएं।
  • एक्सरसाइज करते वक्त सांस लें और पीठ को ऊपर की ओर खींचें। इसी दौरान, अपनी गर्दन को भी ऊपर की ओर ले जाएं।
  • कुछ देर इसी अवस्था में रहें।
  • इसके बाद, सांस छोड़ते हुए सिर को नीचे जमीन की ओर करें तथा पेट को हल्के से जमीन की ओर ले जाएं।

प्रेग्नेंसी में पेल्विक एक्सरसाइज के कुछ अन्य फायदे (Benefits Of Pelvic Exercise)

  • अवसाद कम करता है।
  • ऊर्जा बढ़ाता है।
  • बॉडी मूवमेंट्स में मदद करता है।
  • स्लीपिंग पैटर्न में सुधार होता है।
  • नहीं होते या फिर इसमें सुधार होता है।
  • स्ट्रेंथ बढ़ती है।
  • प्रेग्नेंसी डायबिटीज को हाई बीपी जैसी गंभीर समस्याओं के लक्षणों में कमी आती है।
  • मांसपेशियों और कम होती है।
  • मांसपेशियों की जकड़न और पीठ या मांसपेशियों में दर्द कम होता है।
Click to Open

Your Comment on This News:

Latest news
Click to Openspot_img
Related news
Please Shere and Keep Visiting us.
Click to Open