Himachal News: हिमाचल प्रदेश में भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनर्निरीक्षण होगा। राजनीतिक दलों को बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) नियुक्त करने के निर्देश दिए गए। यह कदम पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। पश्चिम बंगाल और बिहार में इस प्रक्रिया पर विवाद हुआ था। हिमाचल में सभी मतदान केंद्रों पर बीएलए की सक्रिय भागीदारी अनिवार्य है। यह प्रक्रिया फर्जी वोटर रोकने के लिए है।
विशेष पुनर्निरीक्षण की जरूरत
भारत निर्वाचन आयोग ने फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का गहन पुनर्निरीक्षण अनिवार्य किया। हिमाचल में यह प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। इसका उद्देश्य मतदाता सूचियों को सटीक बनाना है। कई राज्यों में फर्जी वोटर के आरोप लगे हैं। इसीलिए पारदर्शी प्रक्रिया जरूरी है। राजनीतिक दलों से बीएलए नियुक्त करने को कहा गया। इससे विसंगतियों को तुरंत ठीक किया जा सकेगा।
बीएलए की भूमिका
बूथ लेवल एजेंट मतदाता सूची की जांच में अहम भूमिका निभाएंगे। वे विसंगतियों को निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तक पहुंचाएंगे। सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को बीएलए नियुक्त करने के निर्देश हैं। यह नियुक्ति जल्द करनी होगी। बीएलए की सक्रियता से पुनर्निरीक्षण पारदर्शी होगा। इससे फर्जी मतदाताओं की पहचान आसान होगी। निर्वाचन आयोग ने इस पर सख्ती दिखाई है।
राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी
राज्य के सभी राजनीतिक दलों को सक्रिय भागीदारी के लिए कहा गया। उनके अध्यक्षों और सचिवों को बीएलए नियुक्त करने का आह्वान हुआ। प्रत्येक मतदान केंद्र पर बीएलए अनिवार्य है। यह कदम मतदाता सूचियों की शुद्धता सुनिश्चित करेगा। जिला निर्वाचन अधिकारी ने दलों से सहयोग मांगा। पश्चिम बंगाल जैसे मामलों से सबक लेते हुए हिमाचल में पारदर्शिता पर जोर है।
फर्जी वोटर पर नकेल
देशभर में फर्जी वोटर के मामले चर्चा में रहे हैं। बिहार और पश्चिम बंगाल में पुनर्निरीक्षण पर विवाद हुआ। हिमाचल में इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाए गए। बीएलए की मौजूदगी से गलतियां पकड़ी जाएंगी। निर्वाचन आयोग के नियमों के तहत प्रक्रिया होगी। राजनीतिक दलों की निगरानी में सूचियों को अंतिम रूप दिया जाएगा। इससे चुनावों की निष्पक्षता बढ़ेगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी का बयान
जिला निर्वाचन अधिकारी हेमराज बैरवा ने पुनर्निरीक्षण की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन होगा। राजनीतिक दलों की भागीदारी जरूरी है। बीएलए की नियुक्ति से प्रक्रिया सुचारू होगी। उन्होंने दलों से जल्द एजेंट नियुक्त करने को कहा। यह कदम मतदाता सूचियों को विश्वसनीय बनाएगा। हिमाचल में इस प्रक्रिया को पारदर्शी रखने पर जोर है।
