शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

थिएटर कमांड: भारतीय सशस्त्र बलों में एकीकृत सैन्य ढांचे की ओर बड़ा कदम, प्रधानमंत्री मोदी ने कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में लिया हिस्सा

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Kolkata News: भारतीय सशस्त्र बलों में एक साथ कार्यवाही की क्षमता को मजबूत करने के लिए बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। थिएटर कमांड्स की स्थापना से पहले ही सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच गहरे एकीकरण पर जोर दिया जा रहा है। हाल में कोलकाता में आयोजित कंबाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में इन्हीं मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में हिस्सा लिया।

इस बैठक में कई अहम फैसले हुए। इनमें एकीकृत त्रि-सेवा शिक्षा कोर का गठन प्रमुख है। साथ ही पहले चरण में तीन संयुक्त सैन्य स्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया गया। ये स्टेशन तिरुवनंतपुरम, विशाखापट्नम और गांधीनगर में बनाए जाएंगे। यह कदम भारत की सैन्य तैयारियों में नए युग का सूचक है।

सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय पर जोर

तीनों सेनाएं अब एक-दूसरे की क्षमताओं और चुनौतियों को गहराई से समझने पर काम कर रही हैं। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी सैन्य अभियान की योजना बनाते समय शुरू से ही तीनों सेवाओं की जरूरतों को ध्यान में रखा जाए। हालांकि थिएटर कमांड की अंतिम संरचना को लेकर अभी तक पूरी सहमति नहीं बन पाई है। इस दिशा में और चर्चा की आवश्यकता है।

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संयुक्त प्रशिक्षण को नई गति मिल रही है। अब सभी सेवाओं के अधिकारी और जवान एक साथ प्रशिक्षण लेंगे। इससे वे एक-दूसरे के उपकरणों और कार्यप्रणाली से बेहतर तरीके से परिचित हो सकेंगे। कई प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के सिलेबस और सीट आवंटन में भी बदलाव किए जा रहे हैं। यह बदलाव संयुक्त प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए किए गए हैं।

संचार नेटवर्क और डेटा साझाकरण

मौजूदा त्रि-सेवा संचार नेटवर्क को और विस्तारित करने की योजना बनाई जा रही है। इसका उद्देश्य निर्बाध संचार और कुशल डेटा साझेदारी सुनिश्चित करना है। कुछ सेवा-विशेष परंपराओं और रीति-रिवाजों को भी धीरे-धीरे समान बनाया जा रहा है। इससे सेनाओं के बीच सामंजस्य बढ़ेगा। सैनिकों के बीच आपसी सामाजिक मेलजोल के अवसर भी बढ़ाए जा रहे हैं।

सैन्य ढांचे में अंतर-सेवा पोस्टिंग को बढ़ाने पर सहमति बनी है। यह कदम कर्मियों को विभिन्न सेवाओं के अनुभव हासिल करने में मदद करेगा। साथ ही उपकरणों और प्लेटफार्मों के मानकीकरण पर काम चल रहा है। इससे उनकी परस्पर कार्यक्षमता सुनिश्चित होगी। आपूर्ति श्रृंखला और स्पेयर पार्ट्स प्रबंधन को भी सरल बनाया जा रहा है।

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गोपनीय रिपोर्टों में बदलाव

अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट के प्रारूप में भी संशोधन पर विचार किया जा रहा है। नए प्रारूप में सेवा-विशेष उपलब्धियों के साथ-साथ त्रि-सेवा आवश्यकताओं और अनुभवों का आकलन शामिल होगा। पिछले कुछ वर्षों में तीनों सेनाओं ने थिएटराइजेशन की दिशा में कई ठोस कदम उठाए हैं। इनमें क्रॉस-पोस्टिंग और संयुक्त लॉजिस्टिक्स नोड्स का निर्माण शामिल है।

प्रशिक्षण और भर्ती प्रक्रियाओं में अधिक तालमेल लाने पर काम हो रहा है। यह स्पष्ट है कि भारतीय सैन्य ढांचे में बड़े सुधारों से पहले तीनों सेनाओं को समान सोच और साझी रणनीति की ओर ले जाया जा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य देश की सुरक्षा चुनौतियों का अधिक कुशलता से जवाब देना है। रक्षा बलों की तैयारियों में यह एक ऐतिहासिक परिवर्तन का प्रतीक है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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