Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के कंधई पुलिस स्टेशन के एसएचओ पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने अवमानना के एक मामले में एसएचओ की आलोचना की। एसएचओ ने कोर्ट का आदेश मानने से इनकार कर दिया था और याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी की थी।
जस्टिस अरविंद कुमार और एनवी अंजारिया की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। मामला 28 मार्च 2025 का है जब एसएचओ गुलाब सिंह सोनकर ने याचिकाकर्ता के साथ दुर्व्यवहार किया था। उन्होंने उसे कार्यस्थल पर घसीटा और गिरफ्तार कर लिया था।
कोर्ट के आदेश की अवहेलना
जब याचिकाकर्ता ने एसएचओ को सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिखाया तो उन्होंने मानने से इनकार कर दिया। एसएचओ ने कहा कि वह किसी सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह याचिकाकर्ता का हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट निकलवा देंगे।
इस दौरान एसएचओ ने याचिकाकर्ता के साथ गाली-गलौज भी की। यह सब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विपरीत हुआ। अदालत ने इस व्यवहार को गंभीर मानते हुए कार्रवाई का फैसला किया।
कोर्ट ने लगाई क्लास
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवमानना करने वाले एसएचओ को न्याय को खराब करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। पीठ ने क्लास लगाते हुए कहा कि पहली नजर में ऐसा लगता है कि एसएचओ ने जानबूझकर कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है।
कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। इससे पहले अदालत ने उत्तर प्रदेश गृह विभाग को एडीजीपी रैंक के अधिकारी से मामले की जांच करवाने के आदेश दिए थे।
सरकार ने कार्रवाई का दिया आश्वासन
मामले की सुनवाई के दौरान सरकार के वकील ने स्पष्ट किया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर एसएचओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद कोर्ट ने मामले को सात नवंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
यह मामला पुलिस अधिकारियों द्वारा अदालती आदेशों की अवहेलना का गंभर उदाहरण है। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे व्यवहार पर गंभीर चिंता जताई है। न्यायिक प्रक्रिया की गरिमा बनाए रखना जरूरी है।
