Shimla News: राजधानी में तहबाजारी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। नगर निगम भी इनको हटाने में असफल ही रहा है। ऐसे में अब शहर में नए मेयर का दौर है तो व्यवस्था परिर्वत स्वभाविक है। कांग्रेस पार्टी की प्रदेश सरकार है और अब नगर निगम में भी कांग्रेस का ही राज है। ऐसे में पहले प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने प्रदेश की व्यवस्था परिर्वतन के लिए कार्य किया और चल रहा है। अब नगर निगम के नए मेयर सुरेंद्र चौहान ने भी व्यवस्था परिर्वतन शुरू कर दिया है, जिसको लेकर मेयर रोजाना शहर के सभी विभागों के अधिकारियों के साथ लगातार बैठक की जा रही है। ऐसे में अब मेयर ने तहबाजारी को चेतावनी देना शुरू कर दिया है।
मेयर सुरेंद्र चौहान का कहना है कि शहर में बढ़ती तहबाजारी को नजरअंदाज करना समझदारी नहीं होगी। ऐसे में जिन तहबाजारियों के पास लाइसेंस नहीं होगा, उन पर कार्रवाई कर उन्हें शहर से हटा दिया जाएगा और इसके अलावा जिन लोगों के पास लाइसेंस है और अपने चिन्हित स्थान पर तहबाजारी न कर अन्य स्थान पर अपनी दुकान सजा रहे हैं, उन पर भी निगम कार्रवाई करने वाला है। इससे जहां शहर में तहबाजारी का सिलसिला खत्म होगा, वहीं शहर के बाजार भी खुले नजर आएंगे। वहीं, उन्होंने लोअर बाजार के व्यापारियों से भी आग्रह किया है कि सभी सामान अपनी दुकान के अंदर ही सजाएं सडक़ों पर कोई भी अपना सामान न लगाएं। यदि कोई नियमों का उल्लघंन करेगा उस पर भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
तहबाजारी से शहर की सडक़ें हुई संकरी
शहर का लोअर बाजार सबसे भीड़ भाड़ वाला क्षेत्र है। यहां पर तहबाजारियों के कब्जे से यहां की सडक़ें भी तंग हो गई हैं। व्यापारियों ने भी आधी सडक़ तक अपना कब्जा जमाया होता है। ऐसे में यहां पर आपातकालिन वाहनों का निकलना भी मुश्किल हो जाता है। आग लगने जैसी घटनाओं से तो यहां पर बड़े खतरों को भी बुलावा आ रहा है। ऐसे में नगर निगम ने इस खतरे को टालने और हमेशा के समाधान के लिए प्लान बना लिया है और जल्दी ही इस प्लान पर नगर निगम कार्य करने वाला है।
आजीविका भवन में भी मिलेगी तहबाजारियों को जगह
नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान का कहना है कि शहर में जो तहबाजारी चिन्हित हैं और लाइसेंस दिया गया है। उनको आजीविका भवन के खाली जगहों पर बसाया जाएगा। वहीं, अन्य लोगों को भी नगर निगम शहर में ही स्थान देने की योजना बनाई जाएगी। जिससे लोअर बाजार के अलावा शहर के अन्य क्षेत्रों में तहबाजारी करने वालों की संख्या बहुत कम होगी। जिससे शहर की सडक़ों पर भी तहबाजारियों का कब्जा नहीं रहेगा।