शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हमास द्वारा मारे गए नेपाली नागरिक विपीन जोशी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई सामने, नवंबर 2024 में हुई थी हत्या

Share

International News: हमास द्वारा इजराइल को सौंपे गए नेपाली नागरिक विपीन जोशी के पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। तेल अवीव स्थित सैन्य अस्पताल में हुए पोस्टमार्टम में पता चला कि उनकी हत्या अपहरण के महज एक महीने बाद ही कर दी गई थी। इजराइली विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी नेपाल के राजदूत धन बहादुर पंडित को दी। सात अक्टूबर 2023 को हुए अपहरण के बाद नवंबर 2023 में ही उनकी मौत हो गई थी।

शव पर मिले यातना के निशान

इजराइल के सैन्य अधिकारियों ने बताया कि हत्या से पहले विपीन जोशी को काफी यातनाएं दी गई थीं। उनके शरीर पर यातना के स्पष्ट निशान मौजूद थे। हमास द्वारा सौंपे गए शव का डीएनए परीक्षण कर विपीन जोशी होने की पुष्टि की जा चुकी है। नेपाली दूतावास के प्रतिनिधियों ने पोस्टमार्टम प्रक्रिया पूरी होने के बाद मंगलवार को शव को संभाल लिया। अब शव को नेपाल वापस लाया जाएगा।

दो साल बाद मिला शव

पिछले दो वर्षों से हमास की कैद में रहे नेपाली छात्र विपीन जोशी का शव सोमवार को इजराइल को सौंपा गया। यह प्रक्रिया रेड क्रॉस के माध्यम से संपन्न हुई। संघर्ष विराम के बाद ही शव की वापसी संभव हो पाई। नेपाल सरकार लगातार दो साल से उनकी रिहाई के लिए प्रयास कर रही थी। तेरह अक्टूबर को इजरायली अधिकारियों ने परिवार को बताया था कि उनका नाम रिहा किए जाने वालों की सूची में नहीं है।

यह भी पढ़ें:  सामूहिक दुष्कर्म: चार बाल अपचारियों समेत छह आरोपियों ने विवाहिता के साथ किया गंभीर अपराध

नेपाल सरकार की प्रतिक्रिया

नेपाल के विदेश मंत्रालय ने विपीन जोशी की मौत की पुष्टि पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मंत्रालय ने शोक संतप्त परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना जताई है। विदेश सचिव अमृत बहादुर राय ने इजरायल के विदेश मंत्रालय के महानिदेशक ईडन बार ताल के साथ फोन पर बातचीत की। इजरायल अधिकारियों ने औपचारिक रूप से जोशी की मौत की सूचना दी। नेपाल सरकार न्याय सुनिश्चित करने और परिवार को मुआवजा दिलाने के लिए प्रयास जारी रखेगी।

यह भी पढ़ें:  हिमाचल पुलिस: नशा तस्कर ने पुलिस टीम पर चढ़ाई गाड़ी, थाना प्रभारी घायल

अपहरण की पृष्ठभूमि

विपीन जोशी लर्न एंड अर्न कार्यक्रम के तहत इजराइल पहुंचे थे। सात अक्टूबर 2023 को हमास ने उन्हें बंधक बना लिया था। इसके बाद से वह लगातार हमास की कैद में रहे। नेपाल सरकार उनकी रिहाई के लिए लगातार प्रयास करती रही। अंतरराष्ट्रीय संगठनों के माध्यम से भी उनकी रिहाई की कोशिशें की गईं। हालांकि दो साल बाद जब शव मिला तो पता चला कि वह अपहरण के एक महीने बाद ही मारे गए थे।

भविष्य की कार्रवाई

नेपाल सरकार ने स्पष्ट किया है कि शव वापस आने के बाद मौत के सटीक कारणों और परिस्थितियों का पता लगाया जाएगा। परिवार को बीमा और मुआवजा दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। अधिकारियों ने कहा कि न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा। नेपाल सरकार इजराइल और अन्य संबंधित सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी। इस पूरे मामले में पारदर्शिता बनाए रखी जाएगी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News