शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

शिमला के बुजुर्ग दंपति का दर्द: अमेरिका में बसा इकलौता बेटा भूल गया माता-पिता को, DC ऑफिस में लगाई गुहार

Share

Himachal Pradesh News: शिमला के संजौली में एक बुजुर्ग दंपति ने अपने अमेरिका में बसे इकलौते बेटे को वापस बुलाने की गुहार लगाई है। माता-पिता ने उपायुक्त कार्यालय में परामर्श केंद्र में अपनी व्यथा सुनाई। बुजुर्ग दंपति का कहना है कि उन्हें पैसे की नहीं बल्कि बेटे के साथ की जरूरत है। वह तीन साल से बेटे के घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं।

बेटे ने की अमेरिका में शादी

बुजुर्ग पिता सरकारी नौकरी से रिटायर हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पहले बेटा नियमित फोन करता था लेकिन अब संपर्क कम हो गया है। बेटे ने अमेरिका में शादी कर ली है और वहीं बस गया है। माता-पिता संजौली में अपने मकान में अकेले रहते हैं। उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है।

एडीएम ने सुनाई बुजुर्गों की व्यथा

एडीएम ज्योति राणा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर इस मामले को उजागर किया। उन्होंने बुजुर्ग दंपति की कहानी साझा की और अकेलेपन से जूझ रहे वरिष्ठ नागरिकों के लिए सलाह दी। एडीएम ने कहा कि बच्चे हमेशा माता-पिता के करीब होते हैं चाहे वे शारीरिक रूप से दूर ही क्यों न हों।

यह भी पढ़ें:  हिमाचल प्रदेश: सुक्खू सरकार का बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, RTO शिमला समेत इन अफसरों के हुए तबादले

अकेलेपन से निपटने के सुझाव

एडीएम ज्योति राणा ने बुजुर्गों को अकेलेपन से निपटने के लिए सलाह दी। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग अपने पुराने मित्रों और रिश्तेदारों से संपर्क बनाए रखें। नौकरी से रिटायर होने के बाद वे अपनी इच्छाएं पूरी कर सकते हैं। शिमला नगर निगम ने खलीनी और संजौली में डे-केयर सेंटर खोले हैं।

सामाजिक मीडिया पर मिला समर्थन

एसडीएम के सोशल मीडिया पोस्ट पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी। लोगों ने बुजुर्ग दंपति की स्थिति पर सहानुभूति जताई। कई लोगों ने एडीएम की बातों का समर्थन किया। इस मामले ने विदेशों में बसे बच्चों और उनके माता-पिता के बीच बढ़ती दूरी की ओर ध्यान आकर्षित किया है।

यह भी पढ़ें:  Himachal News: चंबा के मोनू ने बांग्लादेशी मौ से रचाई शादी, दिल्ली में शुरू हुई थी लव स्टोरी

बुजुर्गों के लिए सहायता व्यवस्था

शिमला प्रशासन ने बुजुर्गों के लिए कई सहायता योजनाएं शुरू की हैं। डे-केयर सेंटरों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। परामर्श केंद्रों पर बुजुर्ग मनोवैज्ञानिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। प्रशासन अकेले रह रहे वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है।

पारिवारिक संबंधों में आ रही दूरी

यह मामला आधुनिक समय में पारिवारिक संबंधों में आ रही दूरी को उजागर करता है। बच्चों का विदेशों में बसना और माता-पिता का अकेलेपन से जूझना एक सामान्य समस्या बनती जा रही है। बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य पर इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है। समाज में इस विषय पर चर्चा की आवश्यकता है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News