Himachal News: हिमाचल प्रदेश से मरीजों के लिए एक बहुत बड़ी राहत की खबर आई है। शिमला के आईजीएमसी समेत पूरे राज्य में डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। रविवार को रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने यह अहम फैसला सुनाया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डॉक्टरों को उनकी मांगें मानने का भरोसा दिलाया है। इस ताज़ा Himachal News ने पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को फिर से पटरी पर ला दिया है। पिछले तीन दिनों से अस्पताल में इलाज के लिए भटक रहे मरीजों ने अब चैन की सांस ली है।
सीएम के भरोसे पर पिघले डॉक्टर
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को खुद मोर्चा संभाला। उन्होंने डॉ. राघव नरूला की बर्खास्तगी रद्द करने का आश्वासन दिया। साथ ही पूरे मामले की विस्तृत जांच कराने का वादा भी किया। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने एक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया कि वे मुख्यमंत्री के वचन पर पूरा विश्वास करते हैं। जनहित को देखते हुए उन्होंने तत्काल प्रभाव से अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस ले ली है। डॉक्टर अब अपनी ड्यूटी पर लौट आए हैं।
तीन दिन से बेहाल थे मरीज
शुक्रवार से शुरू हुई इस हड़ताल ने स्वास्थ्य व्यवस्था की कमर तोड़ दी थी। प्रदेश भर के तीन हजार से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टर काम छोड़कर चले गए थे। इसके कारण अस्पतालों में हाहाकार मचा हुआ था। कई गंभीर मरीजों के ऑपरेशन टालने पड़े थे। ओपीडी में भी लंबी कतारें लगी थीं। Himachal News में लगातार डॉक्टरों और सरकार के बीच तनातनी की खबरें आ रही थीं। सीएम ने भी डॉक्टरों से अहंकार छोड़कर ड्यूटी ज्वाइन करने की अपील की थी।
22 दिसंबर की वो घटना, जिससे बढ़ा बवाल
इस पूरे विवाद की जड़ 22 दिसंबर की एक घटना थी। आईजीएमसी शिमला में एक मरीज और डॉक्टर के बीच मारपीट हुई थी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। सरकार ने एक्शन लेते हुए डॉ. राघव नरूला की सेवाएं समाप्त कर दी थीं। डॉक्टरों का आरोप था कि जांच में दोनों दोषी मिले, लेकिन गाज सिर्फ डॉक्टर पर गिरी। यह कार्रवाई एकतरफा थी। इसी के विरोध में डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। अब दोबारा जांच के भरोसे के बाद मामला शांत हुआ है।
