Himachal News: मंडी जिला प्रशासन ने अवैध कब्जा हटाने के मामले में गंभीर लापरवाही दिखाई है। शिकायतकर्ता ने 29 अगस्त 2025 को डीसी मंडी को चैल चौक और आसपास के इलाकों से अवैध कब्जे हटाने की शिकायत भेजी। 11 सितंबर 2025 को डीसी ने एसडीएम गोहर को आदेश जारी कर कार्रवाई का निर्देश दिया।
एक महीना बीत जाने के बाद भी डीसी के आदेशों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। शिकायतकर्ता को डेढ़ महीने बाद एसडीएम कार्यालय जाना पड़ा। 13 अक्टूबर 2025 को उन्होंने एक और लिखित प्रार्थना पत्र दिया। एसडीएम ने 15 अक्टूबर को तहसीलदार को सात दिनों में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 5 अगस्त 2025 को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था। न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने हिमाचल प्रदेश भूमि राजस्व अधिनियम की धारा 163-ए को असंवैधानिक घोषित किया। यह धारा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को नियमित करने की अनुमति देती थी।
कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य सरकार को सभी अवैध कब्जे तत्काल हटाने की कार्रवाई शुरू करनी चाहिए। अदालत ने 28 फरवरी 2026 तक सभी सरकारी भूमि कब्जा मुक्त कराने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि यह प्रावधान अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है।
प्रशासनिक लापरवाही के मामले
इस मामले से स्पष्ट है कि अधिकारियों को हाईकोर्ट के आदेशों की परवाह नहीं है। उन्हें अपने विरुद्ध कार्रवाई का कोई डर नहीं दिख रहा है। हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना शिकायत मिलने के तुरंत बाद शुरू कर देनी चाहिए थी। लेकिन मंडी प्रशासन ने ऐसा नहीं किया।
पत्रकारों की टीम ने जब तहसीलदार से बात करने की कोशिश की तो कई प्रयासों के बावजूद तहसीलदार ने हर बार कॉल डिस्कनेक्ट कर दी। इससे प्रशासन की गंभीरता पर सवाल उठते हैं। अधिकारियों की इस लापरवाही से हाईकोर्ट के आदेशों का स्पष्ट उल्लंघन हो रहा है।
चैल चौक में जमीन घोटाले के आसार
राइट फाउंडेशन के अध्यक्ष सुरेश कुमार ने कहा कि यह चिंतनीय विषय है। अधिकारी हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना करने से पीछे हट रहे हैं। उन्होंने बताया कि चैल चौक की जमीन की सही निशानदेही की जाए तो वहां कई घोटाले निकलेंगे।
चैल चौक में कई बीघा जमीन बिना नीलामी या सरकारी कार्रवाई के लोगों के नाम ट्रांसफर कर दी गई है। उन्होंने बताया कि चैल चौक में कई बीघा जमीनों पर लोगों का कब्जा है। यह कब्जा अवैध है और हाईकोर्ट के आदेशों के विरुद्ध है।
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
सुरेश कुमार ने कहा कि चैल चौक में अगर समय पर कार्रवाई नहीं होती तो वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। वह इस पूरी स्थिति को कोर्ट के सामने रखेंगे। संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करेंगे।
हाईकोर्ट ने राज्य को अवैध कब्जेदारों के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का भी आदेश दिया गया है। लेकिन मंडी प्रशासन इन आदेशों का पालन नहीं कर रहा है। इससे सरकारी भूमि का अवैध कब्जा जारी है।
