Jodhpur News: बहुचर्चित आसाराम मामले में पीड़िता के अधिवक्ता रहे पूनम चंद सोलंकी ने मनोज वाजपेयी अभिनीत फिल्म ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ पर आपत्ति जाहिर की है और इस मामले में कोर्ट की शरण ली है। अधिवक्ता पीसी सोलंकी ने ट्रायल कोर्ट में मामला दायर किया है और धोखा देने के मामले में निर्माताओं और अन्य को नोटिस दिया है। सोलंकी के अनुसार उनकी बायोपिक बनाने की बात हुई थी लेकिन फिल्म में कुछ और ही है, जिसकी उनसे कोई स्वीकृति नहीं ली गई थी और फिल्मों में उनकी बायोपिक जैसा कुछ नहीं है।
क्या हैं आरोप?
मामले में अधिवक्ता पी सी सोलंकी ने कहा, “मैंने ट्रायल कोर्ट में मामला दायर किया है और निर्माताओं और अन्य लोगों को नोटिस दिया गया है। कैसे दावा किया जा सकता है कि फिल्म वास्तविक जीवन की घटनाओं से प्रेरित है जिसमें मुझसे कोई एनओसी नहीं ली गई थी, न ही मेरे द्वारा स्क्रिप्ट को मंजूरी दी गई थी? उन्होंने कहा कि उनके साथ किया गया समझौता एक बायोपिक के लिए था। लेकिन फ़िल्म में बायोपिक जैसा कुछ नहीं है। सोलंकी इस बात से दुखी हैं कि उन्हें ‘धोखा’ दिया गया है। पीसी सोलंकी आरोप है कि उनके साथ हुई डील के बाद किसी अन्य पार्टी को इसके अधिकार बेच दिए गए जिसकी उनको जानकारी भी नहीं है।
रिलीज हो चुकी है फ़िल्म
हालांकि यह फिल्म रिलीज हो चुकी है जिसमें मनोज बाजपेयी, अधिवक्ता पीसी सोलंकी के किरदार में नजर आ रहे हैं । फिल्म में उनके द्वारा एक स्वयंभू संत के खिलाफ बलात्कार का मामला लड़ा गया है, जिसे बाद में कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया जाता है। फिल्म की शूटिंग भी जोधपुर के कुछ हिस्सों में हुई है। वर्ष 2013 में आसाराम बापू पर लगे यौन आरोपों में पीड़िता की ओर से पीसी सोलंकी ने पक्ष रखा था और आसाराम को सजा दिलवाई थी। इसे इससे जोड़कर देखा जा रहा है।
एक अन्य केस दर्ज
दूसरी ओर आसाराम बापू के धर्मार्थ ट्रस्ट, संत श्री आसारामजी आश्रम चैरिटेबल ट्रस्ट ने भी फिल्म के निर्माताओं के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर किया गया था, जिसकी सुनवाई होने के बाद फैसला जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की अदालत में सुरक्षित है।