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Monday, March 27, 2023

शव का गिद्धों और कौवों को खिला कर करते है अंतिम संस्कार, जानें इस अजीबोगरीब परंपरा के बारे

Weird Traditions Around the World: दुनिया की अलग-अलग जगहों पर जन्म और मृत्यु से जुड़ी हुई अपनी-अपनी परंपराएं होती हैं, जिनका पालन किया जाता है. हमारे देश में मनुष्य की आखिरी यात्रा से जुड़े हुए तमाम तरह के रिवाज़ हैं लेकिन कुछ जगहों पर शव को जलाने या दफनाने की परंपरा नहीं है बल्कि उन्हें आसमान में ही आखिरी यात्रा पर भेज दिया जाता है. ये रिवाज़ सुनने में काफी खौफनाक है लेकिन ये लोग इसे काफी पवित्र मानते हैं.

आपने अब तक सिर्फ ज़मीन पर ही लोगों का अंतिम संस्कार होते हुए देखा होगा लेकिन कुछ ऐसी जगहें भी हैं, जहां स्काई बरियल यानि आसमान में अंतिम संस्कार की प्रथा है. इसके लिए बेहद डरावना तरीका अपनाया जाता है. तिब्बत, किंगघई, मंगोलिया और इनर मंगोलिया में रहने वाले वजरायन बुद्धिस्ट लोग इस परंपरा को निभाते हैं. उनका मानना है कि इस तरह से मरने वाले की आत्मा को शांति मिलती है.

शव काटकर खिलाते हैं गिद्धों को

तिब्बत, किंगघई और मंगोलिया में जब भी किसी की मृत्यु होती है, तो उनके शव को खुले आसमान में छोड़ दिया जाता है. ये परंपरा बहुत आम है. शव को गिद्धों के खाने के लिए रखा जाता है और इस दौरान मृतक के रिश्तेदार भी वहां मौजूद होते हैं. उनका मानना है कि इस तरह उन्हें स्वर्ग में जगह मिलती है. बता दें कि तिब्बती और मंगोलिया के ज्यादातर लोग वज्रायन बौद्ध धर्म को मानते हैं, जिसमें आत्मा के शरीर बदलने (ट्रांसमाइग्रेशन) की बात कही गई है. वे शव को खाली बर्तन की तरह मानते हैं, जिसे गिद्धों को खिलाकर खत्म किया जाता है. ये शरीर को सुरक्षित रखने में विश्वास नहीं रखते.

गिद्धों को मानते हैं आसमानी फरिश्ता

इन लोगों के लिए गिद्ध एक आसमानी फरिश्ते की तरह हैं, जो शरीर के ज़रिये आत्मा को स्वर्ग में ले जाते हैं. इस प्रथा को स्काई बरियल कहा जाता है. गिद्धों को इस तरह से बॉडी खिलाने के पीछे की वजह ये है कि गिद्ध मृत शरीर को खाकर तृप्त होते हैं और उन छोटे जीव-जन्तुओं की जान बच जाती है, जिन्हें वे खाने के लिए निशाना बनाने जा रहे थे. कुछ रिपोर्टस में बताया जाता है कि जो हड्डियां बचती हैं, उनको भी दूध, मक्खन और आटे से साथ मिलाकर कौओं और बाज़ों को खिलाया जाता है.

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