उत्तर प्रदेश न्यूज, एजेंसी। हमीरपुर जिले में एक मजदूर का बेटा अपने कद और काठी को लेकर सुर्खियों में है। लंबाई में ये जाने माने खली को भी पीछे छोड़ दिया है। उसके नाप के बाजार में कपड़े और जूते चप्पल भी नहीं मिलते हैं। कद और काठी के कारण उसे भूखा ही रहना पड़ता है।
स्नातक की पढ़ाई करने के बाद उसने भारतीय सेना में नौकरी करने का मन बनाया है। जनपद के मौदहा क्षेत्र के बीहड़ में बसे इचौली नायकपुरवा गांव में सीरज खली की हमशक्ल के रूप में इन दिनों सुर्खियों में है। पिता सिपाही लाल पाल गांव में मजदूरी करते है।
घर की माली हालत भी बहुत अच्छी नहीं है। सिपाहीलाल ने बताया कि पुत्र सीरज ने वर्ष 2019 में हाईस्कूल की परीक्षा पास की थी। इसके बाद इसने इंटर की पढ़ाई की। इस साल ये स्नातक की पढ़ाई कर रहा है। सीरज की उम्र 18 वर्ष है, लेकिन इसने देश के जानेमाने खली को भी कद काठी में पीछे छोड़ दिया है।
बिना किसी के सहारे अकेले उठाता है 90 किलो का वजन
सीरज की लंबाई 7.2 फिट है। वहीं इसका वजन 115 किलोग्राम है। फुलाने पर इसका सीना 110 सेमी व कमर 40 इंच तक है। सीरज ने बताया कि बिना किसी के सहारे अकेले ही 90 किलोग्राम तक वजन उठा लेता है। लंबाई के कारण घर में भी प्रवेश करने पर बहुत झुकना पड़ता है।
भारी खुराक लेने के बाद भी दिन भर भूखा रहता है सीरज
श्यामा देवी ने बताया कि बेटा सीरज कुछ साल पहले दस किमी तक रोजाना दौड़ लगाता था। इसीलिए इसकी लंबाई बढ़ गई है। इस समय 18 रोटी, आधा किलो गुड़, चावल, सब्जी अकेले खा लेता है। ऊपर से ढाई लिटर दूध भी पीता है। किसी ने पूछा, तो वह एक किलो मिठाई भी खा लेता है। इसके बाद भी उसका पेट नहीं भरता है।
बाजार में नहीं मिलते है जूते चप्पल
सीरज ने बताया कि कद काठी के साथ लंबाई बढ़ने से उन्हें नंगे पांव ही रहना पड़ता है। बाजार में साइज के जूते और चप्पल नहीं मिलते है। बाजार और माल में इसकी नाप के रेडीमेड कपड़े भी नहीं है। जूता भी इसने 16 नंबर का कही से बनवाया है।