Himachal News: हिमाचल प्रदेश के युवाओं के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार की मेहनत अब रंग ला रही है और रोजगार के हजारों नए अवसर खुल रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि पिछले तीन सालों में 14 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी मिली है। राज्य की ‘इंडस्ट्री थ्रू इनविटेशन’ पहल और विभिन्न सरकारी योजना के माध्यम से यह संभव हुआ है। इन नई औद्योगिक परियोजनाओं से प्रदेश के करीब 32,000 युवाओं को सीधा रोजगार मिलेगा।
5 हजार करोड़ का निवेश पक्का
हिमाचल सरकार निवेशकों को लुभाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने देश और विदेश में कई दौरे किए हैं। इसका नतीजा यह हुआ कि दुबई, जापान और मुंबई जैसे बड़े व्यापारिक केंद्रों से 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के समझौते (MoU) साइन किए गए हैं।
सरकार का फोकस इन क्षेत्रों पर है:
- ग्रीन हाइड्रोजन और हरित ऊर्जा।
- पर्यावरण के अनुकूल परिवहन।
- एमएसएमई (MSME) और स्टार्टअप्स।
इन निवेशों से राज्य की आर्थिकी मजबूत होगी और सरकारी योजना का लाभ आम लोगों तक तेजी से पहुंचेगा।
गांवनिवासियों के लिए केंद्र से मिली मदद
ग्रामीण इलाकों में बिजनेस बढ़ाने के लिए सरकार ने विशेष तैयारी की है। राज्य ने केंद्र सरकार को 1,642 करोड़ रुपये के प्रस्ताव भेजे थे। अच्छी बात यह है कि शुरुआती फंड के तौर पर 109.34 करोड़ रुपये मिल भी चुके हैं।
युवाओं को बिजनेस की ट्रेनिंग देने के लिए बड़े संस्थानों में 14 इनक्यूबेशन सेंटर बनाए गए हैं:
- आईआईटी (IIT) मंडी
- आईआईएम (IIM) सिरमौर
- एम्स (AIIMS) बिलासपुर
यहाँ युवा अपने नए आइडिया पर काम कर सकते हैं और अपना भविष्य संवार सकते हैं।
स्वरोजगार से बदल रही है तस्वीर
सरकार नौकरी के साथ-साथ खुद का काम शुरू करने वालों की भी मदद कर रही है। ‘मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना’ जैसी सरकारी योजना ने कई लोगों की जिंदगी बदल दी है। आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक 107 स्टार्टअप सफलतापूर्वक चल रहे हैं। इसके अलावा, 407 नए स्टार्टअप शुरू होने की प्रक्रिया में हैं।
सरकार ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठाए हैं:
- कुल 1,607 स्वरोजगार इकाइयों को मंजूरी दी गई है।
- इन इकाइयों में 373.87 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
सरकार का मानना है कि इन प्रयासों से हिमाचल एक आत्मनिर्भर राज्य बनेगा और युवाओं को काम के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
