हिमाचल न्यूज़: बिलासपुर की एक अदालत ने एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी को दोषी ठहराया है। विशेष सत्र न्यायाधीश चिराग भानू सिंह ने आरोपी मनोहर लाल को 20 वर्ष की कठोर कैद और 50 हज़ार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने पर उसे एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
मामले की शुरुआत कैसे हुई
लड़की के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया कि उनकी नाबालिग बेटी अपनी दादी के साथ रहती थी। 27 नवंबर 2021 को वह सुबह घर से निकली और पांच दिन तक वापस नहीं लौटी। जांच में पता चला कि एक प्रवासी मजदूर ने उसे भगा लिया था। आरोपी उस इलाके में पिछले दो महीने से काम कर रहा था।
पुलिस ने कैसे की कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 363 के तहत मामला दर्ज किया। बाद में जांच के दौरान और धाराएं जोड़ी गईं। इनमें आईपीसी की धारा 366, 376 और पॉक्सो एक्ट शामिल हैं। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट में चार्जशीट पेश की।
अदालत में क्या हुआ
अभियोजन पक्ष ने अदालत में 22 गवाह पेश किए। सभी गवाहियों और सबूतों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया। न्यायाधीश ने धारा 366 के तहत 7 साल की कैद और 50 हज़ार रुपये जुर्माने की सजा भी सुनाई। अदालत ने आदेश दिया कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
आरोपी को क्या सजा मिली
अदालत ने आरोपी मनोहर लाल को 20 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा उसे 50 हज़ार रुपये का जुर्माना भरना होगा। जुर्माना न भर पाने की स्थिति में उसे एक साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया का एक हिस्सा है।
