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केंद्र सरकार ने पांच उच्च न्यायालयों में 16 न्यायाधीशों की नियुक्ति की अधिसूचना की जारी, जानें किसको कहां मिली नियुक्ति

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India News: केंद्र सरकार ने 08 अगस्त 2025 को पांच उच्च न्यायालयों में 16 न्यायाधीशों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की। यह नियुक्तियां आंध्र प्रदेश, कलकत्ता, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक उच्च न्यायालयों में हुईं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह जानकारी सोशल साइट ‘एक्स’ पर साझा की। राष्ट्रपति ने मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से ये नियुक्तियां कीं। इसका उद्देश्य न्यायिक प्रणाली को मजबूत करना है।

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में नियुक्तियां

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में पांच न्यायाधीशों की नियुक्ति हुई। न्यायमूर्ति हरिनाथ नुनेपल्ली को अतिरिक्त न्यायाधीश से न्यायाधीश बनाया गया। न्यायमूर्ति किरणमयी मांडवा और किरणमयी कनपार्थी को भी न्यायाधीश नियुक्त किया गया। न्यायमूर्ति सुमति जगदम और न्यापति विजय को भी यही जिम्मेदारी मिली। ये नियुक्तियां संवैधानिक प्रक्रिया के तहत हुईं। इससे न्यायिक कार्यों में तेजी आएगी।

कलकत्ता उच्च न्यायालय में नियुक्तियां

कलकत्ता उच्च न्यायालय में दो न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई। न्यायमूर्ति पार्थ सारथी सेन और अपूर्व सिन्हा रे को अतिरिक्त न्यायाधीश से न्यायाधीश बनाया गया। इसके अलावा सात अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति एक साल के लिए हुई। इनमें न्यायमूर्ति बिस्वरूप चौधरी और प्रसेनजीत विश्वास शामिल हैं। यह कदम न्यायिक प्रक्रिया को सुचारू बनाने में मदद करेगा।

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दिल्ली और अन्य उच्च न्यायालयों में नियुक्तियां

दिल्ली उच्च न्यायालय में विमल कुमार यादव को न्यायाधीश नियुक्त किया गया। वह पहले न्यायिक अधिकारी थे। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति रवींद्र कुमार अग्रवाल को अतिरिक्त न्यायाधीश से न्यायाधीश बनाया गया। कर्नाटक उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति गुरुसिद्धैया बसवराज को न्यायाधीश नियुक्त किया गया। ये नियुक्तियां न्यायिक प्रणाली को और मजबूत करेंगी। यह जानकारी केंद्रीय कानून मंत्री ने दी।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश

कलकत्ता उच्च न्यायालय में सात अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति एक साल के लिए हुई। इनमें न्यायमूर्ति उदय कुमार और अजय कुमार गुप्ता शामिल हैं। न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य, पीएस चटर्जी और एमडी शब्बर रशीदी को भी नियुक्त किया गया। यह अवधि 31 अगस्त 2025 से शुरू होगी। इन नियुक्तियों से न्यायिक कार्यों में सुधार होगा।

नियुक्तियों की प्रक्रिया

ये नियुक्तियां भारत के संविधान के तहत हुईं। राष्ट्रपति ने मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से इन्हें मंजूरी दी। केंद्रीय कानून मंत्री ने ‘एक्स’ पर यह जानकारी साझा की। यह प्रक्रिया पारदर्शी और संवैधानिक थी। इसका उद्देश्य उच्च न्यायालयों में रिक्त पदों को भरना है। इससे न्यायिक प्रणाली में तेजी और पारदर्शिता आएगी।

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न्यायिक प्रणाली पर प्रभाव

नई नियुक्तियां उच्च न्यायालयों की कार्यक्षमता बढ़ाएंगी। रिक्त पदों के कारण मामलों में देरी हो रही थी। अब न्यायाधीशों की संख्या बढ़ने से लंबित मामलों में कमी आएगी। यह कदम न्यायिक प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाएगा। केंद्र सरकार का यह प्रयास न्याय व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। लोग इससे त्वरित न्याय की उम्मीद कर सकते हैं।

केंद्रीय कानून मंत्री की भूमिका

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नियुक्तियों की जानकारी दी। उन्होंने सोशल साइट ‘एक्स’ का उपयोग किया। यह कदम जनता तक जानकारी पहुंचाने में प्रभावी रहा। उनकी घोषणा से नियुक्तियों की पारदर्शिता बनी रही। यह सरकार के न्यायिक सुधारों का हिस्सा है। मेघवाल ने संवैधानिक प्रक्रिया का पालन होने की पुष्टि की।

संवैधानिक प्रावधान

संविधान के तहत राष्ट्रपति को नियुक्ति का अधिकार है। मुख्य न्यायाधीश की सलाह अनिवार्य होती है। यह प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रही। सभी नियुक्तियां संवैधानिक दिशा-निर्देशों के अनुसार हुईं। इससे न्यायिक प्रणाली में विश्वास बढ़ेगा। केंद्र सरकार ने इस प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा किया। यह कदम न्याय व्यवस्था को और सशक्त बनाएगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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