Jammu & Kashmir News: दक्षिण कश्मीर के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉक्टर प्रियंका शर्मा को पुलिस ने हिरासत में लिया है। वह हरियाणा के रोहतक जिले की निवासी हैं और जीएमसी अनंतनाग में कार्यरत थीं। उन्हें अनंतनाग के मलकनाग इलाके में उनके किराए के आवास से गिरफ्तार किया गया। पुलिस का मानना है कि वह एक व्हाइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल से जुड़ी हुई हैं।
इस NIA investigation का संबंध लाल किला ब्लास्ट मामले से जोड़ा जा रहा है। उस धमाके में इसी महीने 13 लोगों की मौत हो गई थी। दिल्ली पुलिस ने उस मामले में हरियाणा के अल फलाह विश्वविद्यालय के दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया था। यह terror module जम्मू कश्मीर से लेकर दिल्ली तक फैला हुआ है।
पूर्व स्टाफ की गिरफ्तारी से मिली थी सुराग
डॉक्टर प्रियंका शर्मा का नाम पूर्व जीएमसी अनंतनाग स्टाफ आदिल की गिरफ्तारी के बाद सामने आया। आदिल से पूछताछ में आतंकी मॉड्यूल को मिलने वाली वित्तीय सहायता के बारे में जानकारी मिली। कॉल डिटेल रिकॉर्ड की जांच ने पुलिस को डॉक्टर शर्मा तक पहुंचाया। पुलिस ने उनके आवास से एक मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किया।
ये सबूत फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। हरियाणा से एक विशेष टीम डॉक्टर शर्मा की पृष्ठभूमि की जांच के लिए अनंतनाग पहुंच रही है। यह मामला अब बहु-एजेंसी जांच का हिस्सा बन गया है। जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में भी जारी है छानबीन
कश्मीर से मिले सुरागों ने उत्तर प्रदेश में भी हलचल मचा दी है। राज्य के लगभग 200 कश्मीरी मूल के मेडिकल छात्र और डॉक्टर एटीएस के रडार पर हैं। कानपुर, लखनऊ, मेरठ और सहारनपुर के शैक्षणिक संस्थानों की जांच की जा रही है। इन शहरों में कश्मीरी छात्रों की संख्या अधिक है।
जांच में पता चला है कि आतंकी मॉड्यूल ने विस्फोटक सामग्री खरीदने के लिए 26 लाख रुपये जमा किए थे। इनमें से तीन लाख रुपये एनपीके खाद खरीदने पर खर्च किए गए। हरियाणा के दिनेश उर्फ डब्बू नामक व्यक्ति को अवैध खाद बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस जांच कर रही है कि उसने यह खाद आतंकियों को सप्लाई की थी या नहीं।
एनआईए ने संभाली है जांच की कमान
दिल्ली पुलिस ने यह मामला गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत दर्ज किया था। अब इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी कर रही है। एनआईए ने जांच का दायरा व्यापक बना लिया है। कई राज्यों में एक साथ छापेमारी और गिरफ्तारियां की जा रही हैं।
गिरफ्तार किए गए दो डॉक्टर मोहम्मद और मुस्तकीम पहले से हिरासत में लिए गए डॉक्टर मुजम्मिल गनई के संपर्क में थे। गनई भी इसी व्हाइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल का सदस्य बताया जाता है। यह मामला दिखाता है कि आतंकवाद ने अब पेशेवर वर्ग में भी अपनी जड़ें जमा ली हैं। सुरक्षा एजेंसियां इस नेटवर्क के सभी पहलुओं की जांच कर रही हैं।
