Delhi News: लोकसभा में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान सपा सांसद रामशंकर राजभर ने सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जनता आतंकी हमले के 72 घंटे में सख्त कार्रवाई चाहती थी, लेकिन सरकार ने 17 दिन बाद ऑपरेशन शुरू किया। राजभर ने इसे जनभावनाओं के खिलाफ बताया और तीखे तंज कसे।
ऑपरेशन तंदूर की मांग
राजभर ने कहा कि देश को ऑपरेशन सिंदूर नहीं, बल्कि ऑपरेशन तंदूर चाहिए था, ताकि आतंकियों को सबक सिखाया जा सके। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या पहलगाम हमले के आतंकी मारे गए 100 आतंकियों में शामिल थे। सरकार से जवाब मांगते हुए उन्होंने कहा कि जनता की भावनाओं को गंभीरता से लेना जरूरी है। चर्चा में सदन में हलचल देखी गई।
हिंदू-मुस्लिम एकता की तारीफ
सपा सांसद ने कहा कि पहलगाम हमला दंगे भड़काने की साजिश थी। लेकिन हिंदू-मुस्लिम एकता ने इसे नाकाम कर दिया। उन्होंने इसे भारत की ताकत बताया। राजभर ने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द देश की मजबूती का आधार है। उन्होंने सरकार से आतंकवाद के खिलाफ तेज और प्रभावी कार्रवाई की मांग की। उनकी बातों ने सदन में ध्यान खींचा।
ट्रंप के दावों पर तंज
राजभर ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों का जिक्र किया। ट्रंप ने 26 बार कहा कि भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम में उनकी भूमिका थी। राजभर ने तंज कसते हुए पूछा कि अगर यह सही है, तो भारत की भूमिका क्या थी। उन्होंने कहा कि असली विश्वगुरु तो व्हाइट हाउस में बैठा था। यह बयान पीएम मोदी के विश्वगुरु नारे पर कटाक्ष था।
सरकार से सवाल
राजभर ने सरकार से पूछा कि पहलगाम हमले के आतंकियों का क्या हुआ। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की टाइमिंग पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि 17 दिन की देरी ने जनता के गुस्से को बढ़ाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार को देश की सुरक्षा और जनता की भावनाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। उनकी टिप्पणियों ने चर्चा को गर्म कर दिया।
