शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

आतंकवाद: उत्तर भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने बनाई साझा रणनीति, डिजिटल खतरों पर हुई चर्चा

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Panchkula News: पंचकूला में हुई उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक में उत्तर भारत के लिए साझा रणनीति तैयार की गई। एनआईए के महानिदेशक सदानंद दाते ने कहा कि डिजिटल माध्यमों के कारण आतंकियों की रणनीति अधिक जटिल हो गई है। सुरक्षा एजेंसियों को अपनी कार्यप्रणाली अपग्रेड करनी होगी।

बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी

इस बैठक में आसूचना ब्यूरो, एनआईए, एनएसजी के प्रमुखों ने भाग लिया। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक भी मौजूद रहे। उद्देश्य आपसी तालमेल और क्षमता निर्माण के जरिए सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना था।

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हरियाणा की तैयारियां

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि प्रदेश में 53 स्वाट टीमें तैनात हैं। ये टीमें किसी भी हिंसक स्थिति में फर्स्ट रिस्पॉन्डर के रूप में कार्य करेंगी। पुलिस कर्मियों को उन्नत शस्त्र प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

एनएसजी का प्रशिक्षण कार्यक्रम

एनएसजी के महानिदेशक बी श्रीनिवासन ने संयुक्त आतंकवाद विरोधी प्रतिक्रिया पर प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि हरियाणा में 609, हिमाचल में 560 और चंडीगढ़ में 261 कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। प्रशिक्षण में बम निरोधक तकनीक और टैक्टिकल ड्राइविंग शामिल है।

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मीडिया संबंधी चिंताएं

कपूर ने मीडिया में अपराधियों के नाम और तस्वीरों के प्रचार पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं की सोच प्रभावित होती है। हरियाणा विधानसभा ने इस समस्या से निपटने के लिए एक विशेष प्रस्ताव पारित किया है।

राज्यों ने साझा की बेस्ट प्रैक्टिस

पंजाब के डीजीपी गौरव यादव, चंडीगढ़ के डीजीपी डॉ. सागर प्रीत हुड्डा और हिमाचल प्रदेश के एडीजीपी ज्ञानेश्वर सिंह ने अपने राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस साझा की। सभी ने आतंकवाद और संगठित अपराध से निपटने के लिए समन्वय पर जोर दिया।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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