शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

दूरसंचार सुरक्षा: उत्तरी क्षेत्र सम्मेलन में साइबर धोखाधड़ी और नेटवर्क सुरक्षा पर हुई चर्चा

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Himachal News: सोलन स्थित होटल मेघदूत क्यारीघाट में दूरसंचार विभाग ने वार्षिक उत्तरी क्षेत्र सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सात राज्यों के दूरसंचार अधिकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन में सचिव (दूरसंचार) एवं डिजिटल संचार आयोग के अध्यक्ष डॉ. नीरज मित्तल ने डिजिटल परिवर्तन के युग में दूरसंचार नेटवर्क सुरक्षा के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने साइबर वित्तीय धोखाधड़ी और अवैध दूरसंचार संचालन जैसी उभरती चुनौतियों से निपटने पर जोर दिया।

इस सम्मेलन में दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश (पूर्व) और उत्तर प्रदेश (पश्चिम) के एलएसए क्षेत्रों के अतिरिक्त महानिदेशक दूरसंचार उपस्थित रहे। केंद्रीय और राज्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भी विचार-विमर्श में सक्रिय भाग लिया। दूरसंचार विभाग मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने विभिन्न हितधारक संगठनों के साथ मिलकर सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की।

उद्योग और वित्तीय संस्थानों की सहभागिता

एयरटेल, रिलायंस जियो, बीएसएनएल और वोडाफोन आइडिया जैसे प्रमुख दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया। आरबीआई, एसबीआई और पेटीएम के प्रतिनिधियों ने वित्तीय क्षेत्र की चिंताओं को रखा। सीओएआई और आईएसपीएआई जैसे उद्योग संघों ने भी सुरक्षा विमर्श में अपना योगदान दिया। इन सभी हितधारकों ने संयुक्त रूप से दूरसंचार सुरक्षा बढ़ाने के उपायों पर विचार किया।

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सम्मेलन में महानिदेशक सुनीता चंद्रा और डीसीसी के सदस्य (सेवाएं) देब कुमार चक्रवर्ती ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने दूरसंचार डेटा सुरक्षा और साइबर घटना प्रतिक्रिया तंत्र पर अपने विचार साझा किए। सभी प्रतिभागियों ने मिलकर अवैध दूरसंचार सेटअपों का पता लगाने और रोकने के तरीकों पर चर्चा की।

सुरक्षा चुनौतियों और समाधानों पर केंद्रित चर्चा

प्रतिभागियों ने साइबर वित्तीय धोखाधड़ी, दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग और अवैध दूरसंचार संचालन जैसी प्रमुख चुनौतियों पर गहन विचार-विमर्श किया। कानूनी अवरोधन और दूरसंचार डेटा सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। सभी हितधारकों के बीच सहयोग बढ़ाने और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने पर सहमति बनी। साइबर घटना प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करने के उपायों पर भी विचार किया गया।

डॉ. मित्तल ने तेजी से हो रहे डिजिटल परिवर्तन में नेटवर्क सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि दूरसंचार विभाग ने उपयोगकर्ताओं को धोखाधड़ी से बचाने के लिए कई नागरिक-केंद्रित पहल शुरू की हैं। इन पहलों का उद्देश्य आम नागरिकों को साइबर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करना है। सम्मेलन में भविष्य की रणनीतियों और कार्ययोजनाओं पर भी विमर्श हुआ।

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क्षेत्रीय सहयोग और भविष्य की रूपरेखा

उत्तरी क्षेत्र के सातों राज्यों के प्रतिनिधियों ने संयुक्त कार्यवाही की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अवैध दूरसंचार गतिविधियों की रोकथाम के लिए समन्वित प्रयासों का समर्थन किया। कानून प्रवर्तन एजेंसियों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के बीच सूचना साझाकरण को बेहतर बनाने पर सहमति बनी। इससे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आने की उम्मीद है।

सम्मेलन ने उत्तरी क्षेत्र में दूरसंचार सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। सभी हितधारकों ने मिलकर भविष्य की चुनौतियों से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। इससे दूरसंचार उपयोगकर्ताओं को अधिक सुरक्षित वातावरण मिलेगा। साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने में यह सम्मेलन एक मील का पत्थर साबित होगा।

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