New Delhi: भारतीय वायुसेना को अगले महीने तेजस मार्क-1A लड़ाकू विमानों की पहली जोड़ी मिलने वाली है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने इन विमानों की डिलीवरी की तैयारी पूरी कर ली है। यह डिलीवरी मूल समयसीमा से लगभग दो वर्ष की देरी के बाद हो रही है। इससे वायुसेना की लड़ाकू ताकत को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा।
सितंबर में होंगे महत्वपूर्ण परीक्षण
HAL के सूत्रों के अनुसार डिलीवरी से पहले इसी महीने विमान के कई अहम परीक्षण किए जाएंगे। इन परीक्षणों में अस्त्र BVRAAM मिसाइल, ASRAAM शॉर्ट रेंज मिसाइल और लेजर गाइडेड बम की फायरिंग टेस्ट शामिल हैं। इन टेस्टों की सफलता के बाद ही विमानों को भारतीय वायुसेना को सौंपा जाएगा।
पहले के टेस्ट में मिली थी mixed success
इससे पहले किए गए परीक्षणों के मिश्रित परिणाम आए थे। एक टेस्ट सफल रहा था जबकि एक में असफलता मिली थी। इसके बाद विमान के सॉफ्टवेयर में आवश्यक उन्नयन और बदलाव किए गए हैं। इन्हीं सुधारों के बाद नए टेस्ट किए जाएंगे।
इंजन आपूर्ति से तेज होगी डिलीवरी
तेजस मार्क-1A कार्यक्रम के लिए एक बड़ी खबर इंजन आपूर्ति को लेकर है। अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) अगले साल मार्च तक दस इंजन देगी। कंपनी दिसंबर 2026 तक कुल बीस अतिरिक्त इंजनों की आपूर्ति करेगी। इससे आने वाले महीनों में विमानों की डिलीवरी की रफ्तार और बढ़ने की उम्मीद है।
स्क्वॉड्रन की कमी एक गंभीर चुनौती
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह पहले ही लड़ाकू स्क्वॉड्रनों की कमी को गंभीर बता चुके हैं। वायुसेना के पास आदर्श रूप से 42 स्क्वॉड्रन होनी चाहिए। मगर वर्तमान में यह संख्या घटकर केवल 31 रह गई है। सितंबर के अंत में मिग-21 की दो स्क्वॉड्रन रिटायर हो जाएंगी। इसके बाद स्क्वॉड्रन की संख्या और घटकर 29 रह जाएगी।
बीकानेर में फिर सक्रिय होगी कोबरा स्क्वॉड्रन
तेजस मार्क-1A विमानों की पहली तैनाती राजस्थान के बीकानेर एयरबेस पर planned है। यहां कोबरा स्क्वॉड्रन को फिर से सक्रिय किया जाएगा। यह स्क्वॉड्रन अब तक मिग-21 बाइसन विमानों को प्रचालन करती रही है। तेजस मिलने के बाद कोबरा स्क्वॉड्रन भारत की आधुनिक रक्षा शक्ति का नया प्रतीक बनेगी।
