शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

Teenage Freedom: टीनएज बच्चों को कितनी आजादी दें? पेरेंटिंग एक्सपर्ट से जानें जरूरी टिप्स

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Parenting News: टीनएज में बच्चों को संभालना माता-पिता के लिए बड़ी चुनौती होती है। इस उम्र में बच्चे अपनी सोच और फैसलों को लेकर अधिक सजग हो जाते हैं। वे चाहते हैं कि उनकी जिंदगी में कोई दखल न दिया जाए। पढ़ाई, दोस्तों और उनकी पसंद में वे पूरी आजादी चाहते हैं।

पेरेंटिंग कोच पुष्पा शर्मा कहती हैं कि माता-पिता के लिए सबसे मुश्किल आजादी और अनुशासन के बीच संतुलन बनाना होता है। बारह से सोलह साल की उम्र सबसे चुनौतीपूर्ण दौर माना जाता है। इस उम्र में बच्चे न तो पूरी तरह बच्चे रहते हैं और न ही पूरी तरह बड़े हो पाते हैं।

आजादी दें लेकिन मार्गदर्शन जारी रखें

पेरेंटिंग एक्सपर्ट के अनुसार टीनएज बच्चों को आजादी देनी चाहिए। लेकिन उन्हें सही दिशा और मार्गदर्शन की आवश्यकता बनी रहती है। माता-पिता को आजादी देते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इससे बच्चों को गलत दिशा में जाने से रोका जा सकता है।

फ्रीडम कोई रिवॉर्ड नहीं बल्कि जिम्मेदारी है। टीनएजर तब आजादी का हकदार होता है जब वह अपनी जिम्मेदारियों को निभाना शुरू कर दे। समय पर स्कूलवर्क पूरा करना और घर के नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है। ऐसे बच्चों को धीरे-धीरे निर्णय लेने में शामिल किया जा सकता है।

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बच्चों की राय का सम्मान करें लेकिन सीमाएं निर्धारित रखें

बच्चों की राय का सम्मान करना जरूरी है। लेकिन साथ ही सीमाएं स्पष्ट रखनी चाहिए। बारह से सोलह साल की उम्र में बच्चों को लगता है कि वे सब कुछ समझ गए हैं। परंतु इस समय उनकी भावनात्मक परिपक्वता पूरी तरह विकसित नहीं होती।

माता-पिता को बच्चों की बात ध्यान से सुननी चाहिए। उन्हें अपनी राय रखने का मौका देना चाहिए। लेकिन अंतिम निर्णय हमेशा माता-पिता का ही होना चाहिए। इससे बच्चों को सुरक्षा का अहसास होता है।

बुरी संगति से बचाने के उपाय

बच्चों को बुरी संगति से बचाना भी जरूरी है। ऐसे दोस्त जो अच्छे काम करने से रोकते हैं, उनसे सतर्क रहना चाहिए। जो दोस्त शिक्षकों और माता-पिता की बात न मानने के लिए कहें, उनसे सावधान रहें। ऐसी दोस्ती धीरे-धीरे गलत रास्ते पर ले जा सकती है।

माता-पिता को बच्चों के दोस्तों के बारे में जानकारी रखनी चाहिए। बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करनी चाहिए। उनकी दोस्ती और सामाजिक संबंधों पर नजर रखनी चाहिए। इससे बच्चों को सही मार्गदर्शन मिलता रहेगा।

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जिम्मेदारी और आजादी का संतुलन

टीनएज बच्चों को जिम्मेदारी सिखाना महत्वपूर्ण है। घर के छोटे-छोटे कामों की जिम्मेदारी दी जा सकती है। अपने कमरे की सफाई और समय प्रबंधन की जिम्मेदारी उन पर छोड़ी जा सकती है। जिम्मेदारी निभाने पर आजादी देना सही रहता है।

माता-पिता को बच्चों के साथ विश्वास का रिश्ता बनाना चाहिए। उन्हें यह विश्वास दिलाना चाहिए कि वे हर परिस्थिति में उनके साथ हैं। इससे बच्चे माता-पिता से अपनी समस्याएं साझा करने में संकोच नहीं करेंगे। खुला संवाद रिश्तों को मजबूत बनाता है।

भावनात्मक समर्थन देना जरूरी

टीनएज में बच्चों को भावनात्मक समर्थन की आवश्यकता होती है। इस उम्र में शारीरिक और मानसिक बदलाव तेजी से होते हैं। माता-पिता को बच्चों की भावनाओं को समझना चाहिए। उनके मन की बात सुनने के लिए समय निकालना चाहिए।

बच्चों पर अत्यधिक नियंत्रण रखने से बचना चाहिए। लेकिन पूरी तरह आजाद भी नहीं छोड़ना चाहिए। संतुलित दृष्टिकोण सबसे अच्छा रहता है। इससे बच्चे जिम्मेदार और आत्मनिर्भर बनते हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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