Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार की तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने की नीति प्रभावी साबित हो रही है। मंडी जिले के विभिन्न राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) से जनवरी 2023 से जून 2025 तक 4,414 से अधिक प्रशिक्षुओं का चयन देश की नामी कंपनियों में कैंपस प्लेसमेंट के जरिए हुआ। इन युवाओं को मारुति सुजुकी, महिंद्रा और हीरो मोटोकॉर्प जैसी कंपनियों में नौकरी मिली। यह पहल युवाओं को आत्मनिर्भर बना रही है।
मंडी में शानदार प्लेसमेंट रिकॉर्ड
आईटीआई मंडी से 2023 में 876, 2024 में 1,477 और 2025 में अब तक 1,585 प्रशिक्षुओं का चयन हुआ। जोगिंद्रनगर से 450 और पीडब्ल्यूडी सुंदरनगर से 16 प्रशिक्षुओं को नौकरी मिली। सुंदरनगर के 27 दिव्यांग प्रशिक्षुओं ने भी कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा लिया। कोटली की 10 छात्राओं को स्विंग टेक्नोलॉजी ट्रेड में नौकरी मिली। यह उपलब्धि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में मंडी की प्रगति को दर्शाती है।
नामी कंपनियों में नौकरी के अवसर
चयनित प्रशिक्षुओं को मारुति सुजुकी, टीवीएस मोटर्स, एलएंडटी, वर्धमान और जेएसडब्ल्यू किन्नौर जैसी कंपनियों में नौकरी मिली। इनका मासिक वेतन 12,000 से 33,500 रुपये तक है। कुछ कंपनियां आवास और अन्य सुविधाएं भी दे रही हैं। मंडी के कमलेश, राहुल और हितेश को चंडीगढ़ और बद्दी की कंपनियों में नौकरी मिली। जोगिंद्रनगर के अक्षय, अरुण और नमीश को 13,500 रुपये वेतन के साथ नौकरी मिली।
आधुनिक सुविधाओं से लैस संस्थान
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार ने तकनीकी शिक्षा संस्थानों को आधुनिक बनाया। स्मार्ट क्लासरूम, इंडस्ट्री विजिट और प्लेसमेंट ट्रेनिंग पर जोर दिया गया। तकनीकी शिक्षा निदेशक अक्षय सूद ने बताया कि मंडी में 25 आईटीआई में करीब 4,000 प्रशिक्षु प्रशिक्षण ले रहे हैं। यह पहल युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है।
रोजगार अब संस्थानों तक पहुंचा
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि यह उपलब्धि युवाओं के लिए महत्वपूर्ण है। कैंपस प्लेसमेंट के जरिए रोजगार अब संस्थानों तक पहुंच रहा है। युवाओं को नौकरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता। मंडी के आईटीआई संस्थानों ने कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार दिलाया। यह पहल हिमाचल के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
