शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

शिक्षक कांड: स्कूल में बच्चे के साथ मारपीट करने वाला जेबीटी अध्यापक निलंबित, जानें क्या लगे हैं गंभीर आरोप

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में एक जेबीटी शिक्षक ने एक आठ वर्षीय छात्र की स्कूल में पिटाई की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए शिक्षक को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह घटना राज्य में रोहड़ू के बाद दूसरी बड़ी घटना है जहां एक शिक्षक द्वारा बच्चे के साथ मारपीट के आरोप सामने आए हैं।

शिक्षा विभाग ने आदेश जारी करते हुए जेबीटी शिक्षक अश्वनी कुमार को सस्पेंड कर दिया है। यह आदेश चंबा जिले के प्राथमिक शिक्षा उपनिदेशक द्वारा जारी किया गया है। निलंबन की कार्रवाई सरकारी सेवक आचरण नियम 1964 और केंद्रीय सिविल सेवा नियम 1965 के तहत की गई है। इस दौरान शिक्षक को बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ने का निर्देश दिया गया है।

मामला चंबा जिले के मेहला ब्लॉक स्थित प्राथमिक स्कूल तागी का है। आरोप है कि सत्रह अक्टूबर को शिक्षक ने बच्चे के कान खींचे और उसके साथ मारपीट की। बच्चे के परिवार वालों ने दावा किया कि इस घटना के बाद बच्चे के कान में चोट लगने के कारण उसका ऑपरेशन करवाना पड़ा। परिवार ने शिक्षा विभाग से शिकायत की और मामला सामने आया।

बच्चे के पिता ने और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह शिक्षक नियमित रूप से स्कूल नहीं आता था। उन्होंने बताया कि शिक्षक उनकी पत्नी से कहता था कि वह बच्चों की देखभाल करे क्योंकि वह देर से आएगा। उनकी पत्नी स्कूल में मिड डे मील वर्कर के रूप में कार्यरत हैं। परिवार का कहना है कि इस शिक्षक के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं।

शिक्षक ने लगाए झूठे आरोपों के दावे

निलंबित शिक्षक अश्वनी कुमार ने अपने बचाव में कहा कि उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि उनका अपना बच्चा भी उसी स्कूल में पढ़ता है और वह विभाग की किसी भी कार्रवाई में पूरा सहयोग देंगे। शिक्षक ने यह भी कहा कि वह पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का पालन करेंगे और सच्चाई सामने आने का इंतजार करेंगे।

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चंबा के डिप्टी कमिश्नर मुकेश रेस्पाल ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि विभाग से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक बलवीर सिंह ने बताया कि एक तीन सदस्यीय समिति ने स्कूल जाकर जांच की है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में शिक्षक के खिलाफ आरोपों की पुष्टि की है।

रोहड़ू की घटना ने बढ़ाई चिंता

इससे पहले शिमला के रोहड़ू क्षेत्र में एक प्राथमिक स्कूल की महिला शिक्षक ने एक बच्चे को कांटेदार झाड़ियों से पीटा था। उस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। उस मामले में भी शिक्षिका को निलंबित करने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था। लगातार दो घटनाओं ने राज्य के स्कूलों में शारीरिक दंड की समस्या को गंभीर बना दिया है।

शिक्षा विभाग ने निलंबन आदेश में स्पष्ट किया है कि निलंबन अवधि के दौरान अश्वनी कुमार का मुख्यालय खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय, कलेह रहेगा। शिक्षक को निर्देश दिया गया है कि वह बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेगा। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई सेवा नियमों के तहत की गई है।

बच्चे के परिवार वालों ने बताया कि घटना के बाद बच्चे को चंबा में ऑपरेशन करवाना पड़ा। उन्होंने शिक्षा विभाग से मांग की कि ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उनका कहना था कि स्कूल बच्चों के सुरक्षित विकास का स्थान होना चाहिए न कि शारीरिक दंड का अखाड़ा।

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शिक्षा विभाग की बढ़ती सक्रियता

इन घटनाओं के बाद शिक्षा विभाग ने स्कूलों में अनुशासन बनाए रखने के तरीकों पर गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शारीरिक दंड किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने सभी स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि वे शिक्षकों को बच्चों के साथ व्यवहार के लिए दिशा निर्देशों का पालन करवाएं।

चंबा जिला प्रशासन ने भी इस मामले में गंभीरता दिखाई है। डीसी मुकेश रेस्पाल ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इस बीच निलंबित शिक्षक से जवाब तलब किया जा रहा है।

स्कूली शिक्षा में शारीरिक दंड पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार कोई भी शिक्षक बच्चे को शारीरिक रूप से नुकसान नहीं पहुंचा सकता। इसके बावजूद लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि शिक्षकों को कक्षा प्रबंधन के वैकल्पिक तरीके सिखाने की आवश्यकता है।

हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग ने पिछले कुछ महीनों में कई शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की है। इनमें से अधिकतर मामले बच्चों के साथ दुर्व्यवहार या शारीरिक दंड के हैं। विभाग ने सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे स्कूलों का नियमित निरीक्षण करें और किसी भी प्रकार की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करें।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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