Mumbai: भारत की दिग्गज आईटी कंपनी TCS ने एक बहुत बड़ा व्यापारिक सौदा किया है। TCS ने अमेरिका की सेल्सफोर्स कंसल्टिंग फर्म कोस्टल क्लाउड (Coastal Cloud) को खरीदने का फैसला लिया है। यह पूरी डील करीब 70 करोड़ डॉलर (700 मिलियन डॉलर) में तय हुई है। कंपनी यह पूरा भुगतान कैश में करेगी। इस अधिग्रहण से TCS अपनी क्लाउड आधारित सेवाओं को और अधिक मजबूत बनाएगी। फिलहाल इस डील को अंतिम मंजूरी मिलना बाकी है।
कौन है कोस्टल क्लाउड कंपनी?
कोस्टल क्लाउड एक अमेरिकी फर्म है। यह कंपनियों को सेल्स, सर्विस और ऑनलाइन कॉमर्स के लिए डिजिटल सलाह देती है। यह फर्म एआई (AI) आधारित समाधान बनाने में माहिर मानी जाती है। कोस्टल क्लाउड की शुरुआत साल 2012 में हुई थी। बहुत कम समय में यह अमेरिकी व्यवसायों के लिए एक भरोसेमंद पार्टनर बन गई है। TCS अब इस अनुभवी फर्म को अपने साथ जोड़ रही है।
TCS को इस डील से क्या मिलेगा?
इस सौदे से TCS की सेल्सफोर्स क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। कोस्टल क्लाउड के आने से कंपनी को 400 से ज्यादा अनुभवी विशेषज्ञ मिलेंगे। साथ ही टीम में 3,000 से अधिक मल्टी-क्लाउड सर्टिफिकेट जुड़ जाएंगे। इससे TCS को अमेरिका के मिड-मार्केट सेगमेंट में सीधी एंट्री मिलेगी। यह डील उन उद्योगों में कंपनी की पकड़ मजबूत करेगी जहां तेजी से डिजिटल बदलाव हो रहे हैं।
दुनिया की टॉप-5 कंपनियों में शामिल
TCS लगातार अपने सेल्सफोर्स बिजनेस को बढ़ा रही है। कंपनी ने पिछले साल लिस्ट-एंगेज (ListEngage) नाम की फर्म को भी खरीदा था। इन दोनों कंपनियों के मिलने के बाद TCS दुनिया की टॉप-5 सेल्सफोर्स कंसल्टिंग फर्मों में शामिल हो गई है। कोस्टल क्लाउड सेल्सफोर्स पार्टनर बोर्ड का हिस्सा है। इससे TCS को नई तकनीकों पर काम करने का सीधा मौका मिलेगा।
एआई (AI) लीडर बनने की तैयारी
TCS का लक्ष्य दुनिया की सबसे बड़ी एआई-आधारित टेक्नोलॉजी कंपनी बनना है। कंपनी की सीओओ आरती सुब्रमण्यन ने इस डील को बहुत अहम बताया है। उन्होंने कहा कि यह कदम कंपनी की एआई रणनीति को तेज करेगा। कोस्टल क्लाउड का जुड़ना इसी दिशा में एक मजबूत प्रयास है। नियामक संस्थाओं से मंजूरी मिलते ही यह अमेरिकी फर्म आधिकारिक रूप से TCS परिवार का हिस्सा बन जाएगी।
